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सवाल के बदले पैसे मामले में महुआ मोइत्रा की पहले गई सदस्यता, अब CBI की रेड, क्या फिर बढ़ेंगी मुश्किलें?

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लोकसभा में सवाल के बदले रिश्वत मामले में निलंबित टीएमसी की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा चुनाव से पहले मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. दो दिन पहले सीबीआई ने रिश्वत मामले में महुआ मोइत्रा पर एफआईआर दर्ज की थी. शनिवार को सीबीआई की टीम पहले कोलकाता स्थित अलीपुर में उनके पिता के आवास पर छापेमारी की और अब उनके संसदीय क्षेत्र कृष्णानगर स्थित उनके आवास पर रेड चल रही है.

टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने फायरब्रांड टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को फिर से कृष्णानगर संसदीय सीट से उम्मीदवार बनाया है. वह चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. ऐसे में यह सवाल उठ रहे हैं कि सीबीआई की सक्रियता से क्या महुआ मोइत्रा की मुश्किलें लोकसभा चुनाव से पहले फिर से बढ़ सकती हैं?

महुआ मोइत्रा के कृष्णानगर स्थित आवास पर सीबीआई ने छापेमारी की. आज सुबह सीबीआई ने कोलकाता के अलीपुर में डीएल मोइत्रा नाम के कारोबारी के घर पर छापेमारी की थी. सुरक्षा गार्डों का दावा है कि ये कारोबारी महुआ मैत्रा के पिता हैं. इस बार सीबीआई अधिकारियों ने कृष्णानगर में रेड मारी है. सूत्रों के मुताबिक, पांच सदस्यीय सीबीआई टीम कृष्णानगर के सिद्धेश्वरी पहुंची है, जहां महुआ मोइत्रा रहती हैं. सीबीआई की टीम महुआ मोइत्रा के घर की तलाशी ले रही है.

2019 के चुनाव में कृष्णागर स्थित घर से महुआ ने किया था काम

इस घटना को लेकर इलाके में काफी हलचल मची हुई है. घर के आसपास उत्सुक भीड़ उमड़ रही है, लेकिन जवान किसी को भी अंदर घुसने नहीं दे रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक महुआ मोइत्रा इस घर में ज्यादा नहीं रहती हैं. ज्यादातर समय करीमपुर स्थित घर पर ही रहती हैं. सीबीआई सिद्धेश्वरी तला के बाद करीमपुर स्थित घर पर जाएगी या नहीं? अभी तक इस बारे में कुछ भी पुख्ता तौर पर पता नहीं चल पाया है. हालांकि सुबह ही पता चल गया था कि सीबीआई वहां जा सकती है.

बता दें कि 2019 में चुनाव के दौरान महुआ मोइत्रा ने सिद्धेश्वरी स्थित इसी घर से काम किया था. उस घर पर सीबीआई ने छापा मारा. आज सुबह महुआ करीमपुर स्थित घर पर थी. सूत्रों के मुताबिक महुआ घर पर नहीं है. वह सुबह प्रचार करने गईं थीं.

सीबीआई ने महुआ मोइत्रा पर कसा शिकंजा

बता दें कि सीबीआई ने तृणमूल से निष्कासित सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ दो दिन पहले एफआईआर दर्ज की थी. केंद्रीय जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, ‘रिश्वत पर सवाल’ मामले में लोकपाल के निर्देश पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

19 मार्च को लोकपाल ने महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. लोकपाल दिशानिर्देशों में निलंबित तृणमूल सांसद के खिलाफ आरोपों को ‘गंभीर’ बताया गया है. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत महुआ मोइत्रा के खिलाफ मामले का जिक्र करते हुए इसमें कहा गया, ‘हम धारा 20(3ए) के तहत शिकायत के सभी पहलुओं की जांच करने का निर्देश सीबीआई को देते हैं. जांच रिपोर्ट इस निर्देश की प्राप्ति की तारीख से छह महीने के भीतर प्रस्तुत की जाएगी. ”

पिछले साल नवंबर में, झारखंड के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया था कि लोकपाल ने उनकी शिकायत के आधार पर महुआ मोइत्रा के खिलाफ सवाल-जवाब और रिश्वत मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया था. बता दें कि तृणमूल ने आगामी लोकसभा चुनाव में महुआ मोइत्रा को उनके पुराने निर्वाचन क्षेत्र कृष्णानगर से मैदान में उतारा है.

महुआ मोइत्रा पर आरोप है कि दुबई के उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी के पैसों को लेकर महुआ मोइत्रा ने संसद में सवाल किया था. उद्योगपति गौतम अडानी पर निशाना साथा था. निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर यह आरोप लगाते हुए महुआ को सांसद पद से बर्खास्त करने की मांग की थी. इससे पहले महुआ के करीबी जय अनंत देहाद्राई ने विभिन्न आरोपों की सीबीआई जांच की मांग की थी.

रिश्वत के बदले सवाल मामले में निलंबित हुईं थीं महुआ

बाद में हीरानंदानी ने हलफनामे में खुद कहा था कि वे महुआ संसद की लॉगइन आईडी जानकर उसमें सवाल टाइप करते थे. हालांकि, उन्होंने रिश्वतखोरी के आरोप को स्वीकार नहीं किया. हालांकि उन्होंने अपनी लॉग-इन आईडी देने की बात स्वीकार की, लेकिन महुआ ने रिश्वतखोरी के आरोपों से इनकार किया. उन्होंने आरोप लगाया कि लोकसभा की आचार समिति ने उनका बयान सुने बिना ही एकतरफा तौर पर उन्हें निष्कासित करने की सिफारिश कर दी. यह निर्णय 8 दिसंबर को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था.

रिश्वत मामले में सांसद को बर्खास्त करने के फैसले को चुनौती देते हुए महुआ सुप्रीम कोर्ट गईं. लोकसभा सचिवालय ने उस मामले में सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं. सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के जवाब में लोकसभा सचिवालय ने 12 मार्च को कहा कि संविधान के अनुच्छेद 122 के मुताबिक न्यायपालिका विधायिका की आंतरिक कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है.

दूसरी ओर, सीबीआई रेड पर तृणमूल नेता जय प्रकाश मजूमदार ने कहा, ”मोदी सरकार तानाशाही स्थापित करने के लिए ये सब कर रही है. उन्होंने अभी तक कृष्णानगर में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है. इसलिए अब महुआ मोइत्रा को परेशान करना चाहती है. दरअसल, इस तरह से तृणमूल कांग्रेस उसका मनोबल तोड़ने की कोशिश कर रही है. लेकिन इससे कोई फ़ायदा नहीं होगा.”

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