भोपाल। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी केेन-बेतवा लिंक परियोजना के कामों को गति देने के लिए मोहन कैबिनेट ने 24 हजार 293 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दे दी। इसके अंतर्गत छतरपुर जिले में दोधन बांध बनेगा। केन बेतवा नहर लिंक के द्वारा केन नदी का अतिशेष जल उत्तर प्रदेश के झांसी के निकट बेतवा नदी में छोड़ा जाएगा। वहीं, चित्रकूट नगर के समग्र विकास के लिए चित्रकूट विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण को विघटित कर चित्रकूट विकास प्राधिकरण की स्थापना की जाएगी। उज्जैन, सागर और जबलपुर में रोप वे बनेंगे।
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश के दस जिलों में 8.11 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता में वृद्धि और लगभग 44 लाख आबादी को पेयजल उपलब्ध कराने वाली केन बेतवा लिंक परियोजना के पहले और दूसरे चरण के कामों के लिए 24 हजार 293 करोड़ रुपये की स्वीकृति देने का निर्णय लिया। पहले चरण में बांध और नहर बनेगी। दूसरे चरण में बेतवा बेसिन की लोवर और बांध परियोजना, कोठा बैराज और बीमा काम्प्लेक्स परियोजना शामिल की गई हैं। कैबिनेट ने चित्रकूट नगर के समग्र विकास के लिए चित्रकूट विकास प्राधिकरण की स्थापना और 20 करोड़ रुपये के सहायता अनुदान की स्वीकृति दी। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि कलेक्टर को अन्य आवश्यक व्यवस्था करने के लिए अधिकृत किया है।
राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम ‘पर्वतमाला’ के अंतर्गत उज्जैन रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक रोप वे बनाया जाएगा। सागर में टिकिटोरिया माता मंदिर फनीकुलर, एम्पायर स्टेडियम से गुरुदारा (व्हाया रामपुर चौक एवं एवेन्यु माल) और सिविक सेंटर से बलदेवबाग (व्हाया मालवीय चौक, लाडगंज, बड़ाफुआरा, जबलपुर बनाया जाएगा। रोपवे के विकास, कार्यान्वयन, निर्माण, संचालन और रखरखाव के लिए लोक निर्माण विभाग एवं नेशनल हाईवे लाजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड के बीच अनुबंध हो चुका है, जिसका अनुमोदन किया गया। साथ ही विभाग को शेष रोप वे परियोजनाओं के विकल्प के चयन के लिए अधिकृत किया गया।
कैबिनेट ने किसान या किसानों के समूहों को सोलर कृषि पंप कनेक्शन देने की मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना का नाम बदल दिया है। अब यह प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना होगी और इसका क्रियान्वयन ऊर्जा विकास निगम द्वारा केंद्रीय योजना कुसुम ‘बी’ के अनुरूप करेगा।
प्रदेश के विश्वविद्यालयों के पेंशनरों को राज्य के कर्मचारियों की तरह सातवें वेतनमान के अनुसार पेंशन मिलेगी। अभी छठवें वेतनमान के अनुसार पेंशन मिल रही थी। सातवें वेतनमान के हिसाब से पेंशन देने पर 140 करोड़ रुपये का वित्तीय भार आएगा। इसमें आधी राशि राज्य शासन और आधी विश्वविद्यालय द्वारा पेंशन फंड में जमा की जाएगी। यदि विश्वविद्यालय फंड में राशि जमा नहीं करते हैं तो उन्हें दिए जाने वाले अनुदान से राशि काटकर जमा की जाएगी।
– पीएम जनमन योजना में एक करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की निर्धारित लागत से अधिक राशि लगती है तो उसे राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा।
– मुरैना जिले के अंबाह पिनहट मार्ग पर चंबल नदी के उसैद घाट पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण के लिए 157 करोड़ 77 लाख रुपये की पुनरीक्षित स्वीकृति।
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