अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के दिन चीनी और पाकिस्तानी हैकर्स के निशाने पर थी राम मंदिर वेबसाइट, भारत ने ऐसे फेल किया प्लान
22 जनवरी को जब देश अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के जश्न में डूबा हुआ था, उस वक्त देश की साइबर सेल समेत तमाम सुरक्षा एजेंसियां बड़े खतरे से निपट रही थीं. दरअसल राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन हैकर्स की नजर राममंदिर से जुड़ी तमाम वेबसाइट्स पर थी. हैकर्स ने कई बार उन्हें निशाना बनाने की कोशिश की लेकिन सरकार की चौकसी से बड़ी घटना होने से बच गई.
इस साल 22 जनवरी को जब देश राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम चल रहा था, ठीक उसी समय चीन और पाकिस्तान के हैकर्स की नजर राम मंदिर से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर थी. सुरक्षा एजेंसियों से मिली जानकारी के मुताबिक हैकर्स ने राममंदिर, प्रसार भारती और उत्तर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाने की कोशिश की थी.
करीब 140 आईपी एड्रेस के जरिए इन्हें निशाना बनाने की कोशिश की गई. सरकार ने ऑपरेटर को निर्देश देकर इन्हें ब्लॉक कर दिया था, लेकिन 21 जनवरी को दोबारा कोशिश की गई और सरकार ने इससे निपटने के लिए 1244 आईपी एड्रेस को ब्लॉक किए. इसमें से करीब 999 आईपी ऐड्रस चीन से जुड़े हुए थे.
15 मिनट पर 5 करोड़ से ज्यादा बार कोशिश
इतना ही नहीं वेबसाइट पर ज्यादा ट्रैफिक भेज कर उसे पहुंच से बाहर करने की भी योजना थी. 15 मिनट के अंदर सरकार को हैदराबाद की दो लोकेशन से वेबसाइट खोलने की 5 करोड़ से ज्यादा बार कोशिश की गई थी. इसे भी समय रहते संभाल लिया गया. सरकार को इस खतरे की आशंका पहले से ही थी. टेलीकॉम सिक्योरिटी आपरेशन सेंटर पहले से ही इसको लेकर मॉनिटरिंग कर रहा था. लिहाजा वक्त रहते इन साइबर सिक्योरिटी से जुड़े हमलों को रोका जा सका.
चाइनीज और पाकिस्तानी हैकर्स की थी नजर
रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी में राम मंदिर के उद्घाटन के समय चीन और पाकिस्तान के हैकर्स और साइबर अपराधी लगातार भारतीय वेबसाइटों को निशाना बना रहे थे. दावा किया गया है कि हैकर्स ने राममंदिर, प्रसार भारती और उत्तर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाने की कई बार कोशिश की थी लेकिन वो अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके थे.
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