चंडीगढ़: किसानों का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन लगातार जारी है। किसानों की ओर से कई मांगों को लेकर दिल्ली में कूच कर प्रदर्शन करने का ऐलान किया गया है। जिसे लेकर पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। 13 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा समेत 26 किसान संगठन दिल्ली कूच करेंगे। पंजाब के किसान भी हजारों ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर सवार होकर दिल्ली जाने के लिए हरियाणा में दाखिल होंगे। जिसे देखते हुए हरियाणा में किसान नेताओं की धरपकड़ शुरू हो गई है।
बता दें कि पुलिस नेताओं को नजरबंद करने के लिए उनके घर दबिश दे रही है। वहीं, पंजाब के किसानों को हरियाणा के रास्ते दिल्ली जाने से रोकने के लिए अंबाला, पंचकूला और सोनीपत में धारा 144 भी लागू कर दी गई है। पंजाब और हरियाणा के बीच बने शंभू बॉर्डर को सीमेंट की बैरिकेडिंग और कंटीली तारें लगा पूरी तरह सील कर दिया गया है। प्रशासन ने घग्गर नदी के ऊपर बने ब्रिज को भी बंद कर दिया है। उसके अंदर भी खुदाई की जा रही है ताकि किसान ट्रैक्टरों से उसके जरिए न निकल सकें।
जानकारी के मुताबिक सोनीपत, झज्जर, पंचकूला के बाद कैथल में भी धारा 144 लगा दी गई है। पंजाब से चंडीगढ़ होते हुए किसान पंचकूला के रास्ते भी दिल्ली जाने के लिए हरियाणा में एंट्री कर सकते हैं। प्रदेश में किसानों को रोकने के लिए करीब 150 नाके लगाए गए हैं। जिससे आम लोगों की दिक्कतें भी बढ़ गई है, लोगों को अपने निजी काम के लिए रोजमर्रा की जिंदगी में सफर करना पड़ता है। वहीं, किसानों के इस कूच के ऐलान के बाद से आम जनता भी परेशानी में है।
ये है किसान संगठनों की मुख्य मांगे-
- सभी फसलों की MSP पर खरीद की गारंटी का कानून बने
- डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से कीमत तय हो
- किसान-खेत मजदूरों का कर्जा माफ हो, पेंशन दी जाए
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए
- लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए
- मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए
- किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा, सरकारी नौकरी मिले
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए
- मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम, 700 रुपए दिहाड़ी दी जाए
- नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां और खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए
- मिर्च, हल्दी एवं अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए
- संविधान की 5 सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.