टीकमगढ़। जिला अस्पताल में बेचैनी व घबराहट के मरीजों की संख्या में दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। मौसम में परिवर्तन से बीमारियों ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। जिला अस्पताल में ओपीडी में मरीजों की बढ़ती संख्या दर्ज की गई है। अधिकांश मरीज बुखार, सर्दी, खांसी और पेट दर्द के शिकार होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है इस मौसम में खानपान और स्वच्छता के प्रति लापरवाही किसी भी व्यक्ति को बीमार कर सकती है।
इस संबंध में जिला अस्पताल में पदस्थ सिविल सर्जन डा. अमित शुक्ला ने बताया कि बेचैनी व घबराहट के मरीजों की संख्या बढ़ी है। रात के समय काफी तेज सर्दी बढ़ रही है। ऐसे में लोग सर्दी से बचाव के लिए घर में लकड़ी व हीटर से तापते हैं। इसके अलावा कोयले को जलाकर अंगीठी के रूप में कमरे के आसपास रख देते हैं। इसी कारण से लोगों में बैचेनी व घबराहट की दिक्कत बढ़ रही है।
डा. शुक्ला ने बताया कि अंगीठी में से कार्बन मोने आक्साइड गैस निकलती है जो व्यक्ति के शरीर के ब्लड में काफी स्तर तक जमा हो जाती है इसके कारण आक्सीजन ब्लड में जुड नहीं पाती है जिससे इंसान का दम घुटता है। डा. अमित शुक्ला ने रात के सोते समय अंगीठी या हीटर नहीं जलाए जाने की सलाह दी है।
जिला अस्पताल में बुखार, सर्दी, खांसी आदि के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इस मौसम में सड़ी-गली सब्जियां, फल आदि के सेवन से बचना चाहिए। घरों के आसपास पानी जमा होने दें, इससे मच्छर पनपते हैं और मलेरिया की बीमारी बढ़ सकती है। दूषित फल, सब्जी, दूषित पानी का सेवन नहीं करना चाहिए। बुखार या बीमार पड़ने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
सर्दियों में अधिक प्यास नहीं लगती, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि शरीर को पानी की आवश्यकता नहीं है। पानी पीने से स्किन की सेहत अच्छी रहती है शरीर में टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं और सभी आग सही तरह से काम करते हैं इसलिए अधिक से अधिक पानी पीने की कोशिश करें। हमेशा पानी हल्का गुनगुना करके पीएं, यह गले को भी राहत देगा। वहीं कुछ ऐसे खास पदार्थ है जिसकी तासीर गर्म होती है और शरीर को एनर्जी देते हैं।
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