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राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दिन पटाखे जलाने पर की गई रोक की मांग, जानिए क्यों?

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लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक जनहित याचिका दाखिल करते हुए, अयोध्या में 22 जनवरी को होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा के दिन पटाखें जलाने व बिक्री करने पर रोक की मांग की गई है। स्थानीय अधिवक्ता मोतीलाल यादव की ओर से दाखिल उक्त याचिका शुक्रवार को न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हो गई है। याचिका में पटाखे की दुकानों को लाइसेंस दिए जाने संबंधी आदेशों को भी खारिज किए जाने की मांग की गई है। कहा गया है कि लखनऊ शहर के कुछ इलाकों में दिल्ली से भी ज्यादा प्रदूषण है, ऐसे में पटाखे जलाने से स्थिति और भी खराब होगी।

संपत्ति की नीलामी करने से पहले ऋणी को नोटिस जारी करना आवश्यकः हाईकोर्ट
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बैंक द्वारा ऋण वसूली मामले में कहा कि लोन वसूली में संपत्ति की नीलामी से पहले ऋणी को भुगतान करने का विकल्प दिया जाना चाहिए। नीलामी की पूर्व सूचना दिया जाना अनिवार्य है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति सैयद कमर हसन रिज़वी की खंडपीठ ने प्रयागराज को शार्प इंडस्ट्रीज की याचिका को स्वीकार करते हुए पारित किया है। दरअसल बैंक ऑफ महाराष्ट्र से लिए गए ऋण के भुगतान में 1 याची ने चूक कर दी, जिस पर सरफेसी एक्ट की धारा 13 (2) के तहत संपत्ति की नीलामी के लिए याची को दो नोटिस जारी की गई। इसके खिलाफ याची द्वारा दाखिल अर्जी पर सक्षम न्यायाधिकरण ने नीलामी की कार्यवाही को रद्द कर दिया।

न्यायाधिकरण के इस आदेश को बैंक द्वारा चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट की एकलपीठ ने न्यायाधिकरण के आदेश को सही नहीं माना और रद्द करते हुए कहा कि याची को नीलामी की सूचना पहले से ही थी। याची ने एकलपीठ के आदेश को खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी और कोर्ट को बताया कि उसका पता बदल गया था। उसने प्रतिवादी बैंक को इसकी सूचना ई-मेल से भेज दी थी। इसके बावजूद बैंक द्वारा उसके पुराने पते पर ही नोटिस जारी की गई। फलस्वरूप उसे संपत्ति की नीलामी की सूचना नहीं मिल सकी। अत: कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए याची को ऋण राशि के भुगतान के लिए एक महीने का समय दिया।

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