तीन माह पहले बुलाए थे टेंडर
बता दें कि जिला प्रशासन ने कलेक्टोरेट, टीटी नगर, कोलार और बैरसिया के चारों केंद्रों के लिए तीन माह पहले टेंडर बुलाए थे। उस दौरान संबंधित एजेंसियों और लोगों ने 1627 टेंडर जमा किए थे। अब इन्हें 15 जनवरी से काम सौंपा जाएगा। दरअसल जिस समय टेंडर बुलाए गए थे, उस समय राजधानी सहित प्रदेश भर के सभी लोक सेवा केन्द्रों में जमा किए जाने वाले आवेदनों की प्रोसेसिंग फीस 40 रुपए थी। इस बीच ढाई माह पहले शासन ने प्रोसेसिंग फीस घटाकर 20 कर दी गई। इससे लोगों को राहत तो मिल गई है, लेकिन केंद्र संचालकों की मुसीबत बढ़ गई है।
लोकसेवा केंद्र संचालकों को घाटा
राजधानी के कलेक्टोरेट, टीटी नगर, कोलार और बैरसिया लोकसेवा केंद्रों में रोजाना करीब 12 सौ आवेदन आते हैं। इन केंद्रों पर आय, जाति, मूल निवास, खसरा, नक्शा, नकल, नामांतरण, सीमांकन, ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट, सहित दर्जनों सेवाओं के प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं। लोकसेवा केंद्रों के संचालकों का कहना है कि उनके लिए यह घाटे का सौदा है। इसके पहले उन्हें 35 रुपए और पांच रुपए जिला ई-गवेर्नेंस सोसायटी को मिलते थे। 35 में रुपए में उन्हें आफिस, बिजली, दस्तावेज, इंटरनेट, कर्मचारियों के वेतन सहित अन्य खर्च निकालना होता था। यदि उन्हें पहले फीस पता चल जाती तो वो टेंडर ही नहीं भरते। अब यदि टेंडर वापस लेंगे, तो उन्हें ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा।
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