चीन को पीछे छोड़ते हुए इसी साल भारत दुनिया का सबसे आबादी वाला देश बना था। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के अनुमान के मुताबिक भारत की आबादी 142.86 करोड़ को पार कर गई है। अगले साल दुनिया की आबादी एक रिकॉर्ड बनाने जा रही है, एक आंकड़े के अनुसार 1 जनवरी 2024 को दुनिया की आबादी 8 अरब के पार हो जाएगी। इस साल करीब 7.5 करोड़ बच्चों ने जन्म लिया है। यूएन का अनुमान है कि अगले तीन दशकों में भारत की आबादी बढ़ती रहेगी और उसके बाद इसमें गिरावट आनी शुरू होगी।
जनगणना ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार
इस साल विश्व की जनसंख्या में लगभग साल 7.5 करोड़ का इजाफा हुआ। आने वाले नए साल में दुनिया की आबादी भी एक नया रिकॉर्ड बनाने वाली है। नए साल के दिन कुल वैश्विक आबादी के आठ अरब से अधिक हो जाने का अनुमान है। अमेरिकी जनगणना ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। जनगणना ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल दुनिया भर में जनसंख्या की वृद्धि दर एक प्रतिशत से कम रही। वर्ष 2024 की शुरुआत में दुनिया भर में हर सेकंड में 4.3 लोगों का जन्म और दो लोगों की मौत होने का अनुमान है।
भारत की बढ़ती जनसंख्या के पीछे क्या है?
भारत की विशाल आबादी के पीछे सबसे बड़ा कारक इसके युवा लोग हैं: 650 मिलियन भारतीय – देश की लगभग आधी आबादी – 25 वर्ष से कम उम्र के हैं। और विशेषज्ञों का अनुमान है कि भारत 2065 तक अपनी आबादी के चरम पर नहीं पहुंचेगा, जिसका मतलब है कि भले ही युवा जनसांख्यिकीय प्रति जोड़े केवल एक या दो बच्चे पैदा करते हैं, जनसंख्या का आकार स्थिर होने से पहले समय के साथ बढ़ता रहेगा, जिसे पीएफआई “जनसंख्या गति” कहता है।
क्या है अमेरिका की आबादी का हाल
अमेरिका की जनसंख्या की वृद्धि दर पिछलेवर्ष 0.53 प्रतिशत थी, जो दुनिया भर की वृद्धि दर सेआधी है। अमेरिका की आबादी इस साल 17 लाख बढ़ी और नव वर्ष पर इसकी कुल जनसंख्या 33 करोड़ 58 लाख हो जाएगी। ‘ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूशन’ में जनसांख्यि की विशेषज्ञ विलियम फ्रे ने कहा कि जनसंख्या में वृद्धि की मौजूदा गति यदि इस दशक के अंत तक बरकरार रही, तो 2020 का दशक जनसंख्या में बढ़ोतरी के लिहाज से अमेरिकी इतिहास में सबसे धीमी गति का दशक हो सकता है और 2020 से 2030 तक 10 साल की अवधि में वृद्धि दर चार प्रतिशत से कम रह सकती है।
1960 के दशक से विश्व जनसंख्या वृद्धि धीमी हो रही है। वैश्विक जनसंख्या को सात अरब से आठ अरब होने में साढ़े 12 साल लग गए।लेकिन जनगणना ब्यूरो का कहना है कि आठ अरब से नौ अरब होने में 14.1 साल लगेंगे और नौ अरब से 10 अरब होने में 16.4 साल लगेंगे, जो 2055 के आसपास हो सकता है।
भारत ने ली बढ़त
आबादी के मामले में चीन को पीछे छोड़ते हुए इसी साल भारत दुनिया का सबसे आबादी वाला देश बना था। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के अनुमान के मुताबिक भारत की आबादी 142.86 करोड़ को पार कर गई है। यूएन का अनुमान हैकि अगलेतीन दशकों में भारत की आबादी बढ़ती रहेगी और उसके बाद इसमें गिरावट आनी शुरू होगी। भारत में साल 2011 के बाद से जनगणना नहीं हुई है और इसलिए उसकी साल 2023 में सटीक आबादी कितनी है यह जानकारी नहीं है।
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