Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

13 जनवरी को लखनऊ में मछुआ समुदाय की रैली, मंत्री संजय निषाद ने की पहुंचने अपील

12

भदोही: निषाद पार्टी अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के कबीना मंत्री डॉ संजय कुमार निषाद ने मछुआ समुदाय से समाज की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 13 जनवरी को लखनऊ में समुदाय की रैली में पहुंचने की अपील की है। निषाद ने यहां रामपुर घाट के पास आयोजित संवैधानिक मछुआ एससी आरक्षण जनसंपर्क अभियान सभा में कहा कि आगामी 13 जनवरी को लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर रैली मैदान में पहुंच कर अपनी मांगों को जोरदार तरीके से उठाएं। उन्होंने कहा कि पूर्व की समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की सरकारों ने मछुआ आरक्षण के मामले पर समाज को गुमराह करने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जब बहुजन समाज पार्टी की सरकार आती है तो मछुआ समाज की सभी उपजातियों को एससी से निकालकर पिछड़ी में डाल दिया जाता है। इसी तरह जब समाजवादी पार्टी की सरकार आती है तो पिछड़ी से निकालकर अनुसूचित में डाल दिया जाता है। डॉ निषाद ने कहा कि आजादी से पूर्व 1931 से 1941 तक और आजादी के बाद भी साल 1951 से 1991 तक उत्तर प्रदेश में मछुआ समाज की सभी उपजातियों की गिनती मझवार और तुरैहा में कराई जाती रही है, लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों ने मछुआ समाज के दोहन के लिए बिना संसद में संशोधन के मछुआ समाज की सभी उपजातियों को अनुसूचित से निकलकर पिछड़े में डाल दिया। सभी राजनीतिक पाटिर्यां इस मुद्दे पर सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करती रही हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री ने रजिस्ट्रार जनरल ऑफ़ इंडिया (आरजीआई) को मछुआ आरक्षण के संबंध में पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई थी। आरजीआई ने पत्र के उत्तर में कहा है कि उत्तर प्रदेश में केवट, मल्लाह, बिंद समेत 17 जातियां मछुआ समाज की उपजातियां है। कहा कि मछुआ समाज को कभी मत्स्य विभाग की योजनाओं का लाभ मिला ही नहीं। पूर्व की सरकारों नें मछुआ समाज को योजनाओ से वंचित रखा है। मंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में प्रदेश में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, किसान क्रेडिट काडर्(मत्स्य पालन क्षेत्र में), निषाद राज बोट योजना, मछुआ कल्याण कोष, प्रधानमंत्री मछुआ बीमा योजना जैसी जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। जिनका सीधा लाभ मछुआ समाज को मिल रहा है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.