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PM मोदी ने शादी पर कह दी बड़ी बात, अमीरों के शौक से अर्थव्‍यवस्‍था को नुकसान, बदलना होगा ट्रेंड

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नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के लिए शादियों के सीजन को संजीवनी बताया है. उनका कहना है कि शादियों के सीजन में जो व्‍यापार होता है, उससे अर्थव्‍यवस्‍था बहुत मजबूती मिलती है। इसके साथ ही उन्‍होंने डेस्टिनेशन वेडिंग पर निशाना भी साधा। पीएम मोदी ने कहा कि देश में बढ़ते डेस्टिनेशन वेडिंग के चलन की वजह से अर्थव्‍यवस्‍था को भारी नुकसान हो रहा है. उन्‍होंने वोकल फॉर लोकल अभियान का हवाला देते हुए कहा कि अगर यह ट्रेंड बदल जाए तो देश का पैसा में ही रहेगा।

वहीं कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने देश के बाहर डेस्टिनेशन वेडिंग आयोजित करने के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं से पूरी तरह सहमति व्यक्त की है और कहा है कि उनकी चिंताओं पर उस तबके को गंभीरता से विचार करना चाहिए जिसने देश के बाहर शादी करने का विकल्प चुना है। देश से बाहर शादियां करना अब एक स्टेटस सिंबल के रूप में देखा जा रहा है, जिस पर पुनर्विचार आवश्यक है। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने इसी तरह की भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि मोदी ने एक बहुत ही वैध मुद्दा उठाया है जो निश्चित रूप से भारतीय रुपए के देश से बाहर खर्च को रोक देगा जिससे अर्थव्यवस्था तथा मजबूत होगी।

वहीं दूसरी ओर कोई भी शादी बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देती है जो भारत में शादियां करने पर देश के लोगों को ही मिलेगा। सर्वश्री भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि एक शादी में लगभग 80 प्रतिशत खर्च वस्तुओं और सेवाओं दोनों पर किया जाता है तथा जब बाजार में यह पैसा प्रवाहित होता है तो ऐसा पैसा लोगों के हाथों में वित्तीय तरलता प्रदान करता है, इसलिए, इससे अर्थव्यवस्था एवं भारतीय व्यापार को मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि जबकि देश के बाहर होने वाली शादियां काफी हद तक देश और अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाती हैं क्योंकि विदेशी धरती पर किए गए खर्च से देश को कोई लाभ नहीं होता है।

सर्वश्री भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि कैट की हालिया रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि 23 नवंबर से 15 दिसंबर तक 4.74 लाख करोड़ रुपए के खर्च के साथ लगभग 38 लाख शादियां आयोजित की जाएंगी, जो भारत के व्यापार और अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा वरदान है। इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह का सारा खर्च मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ आह्वान पर किया जाएगा। इसलिए, प्रधानमंत्री का बयान अत्यंत सामयिक, ताकिर्क और देश के व्यापक हित में है जिसका अक्षरश: पालन किया जाना आवश्यक है।

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