Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

जब तक जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बनेगा, तब तक भारत हिन्दू राष्ट्र नहीं बनेगा : मुरलीधर महाराज

5

भोपाल। जब तक जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बनेगा, तब तक भारत हिन्दू राष्ट्र नहीं हो सकता। देश की बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी है। सभी धर्मों के लिए एक जैसा कानून होना चाहिए। सख्ती से पूरे देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाया जाएगा। साथ ही कहा है कि धार्मिक स्थलों को पर्यटन स्थल ही रहने दिया जाए। धार्मिक स्थलों का विस्तार करके, कारीडोर का निर्माण करके, उनका मूल अस्तित्व समाप्त किया जा रहा है। नई पीढ़ी को कैसे पता चलेगा कि कुंज की गलिया कैसी होंगी? काशी की गलिया कैसी थीं?आस्था के केंद्रों को भोग का केंद्र नहीं बनाना चाहिए। आज काशी, मथुरा-वृदावन, काशी सहित अन्य धार्मिक स्थल ईश्वर की भक्ति का स्थान हैं, उन्हें पर्यटन स्थलों का रूप नहीं दिया जाना चाहिए। यह बात भेल दशहरा मैदान पर श्रीराम कथा करने आए प्रसिद्ध संत मुरलीधर महाराज ने नवदुनिया से कही। उन्होंने कई मुद्दों पर बेबाकी से जवाब दिए।

धार्मिक स्थलों पर कारीडोर बन रहे हैं, क्या यह सही है?

भगवान के मंदिर बने हैं। यह अच्छी बात है, लेकिन मेरे ख्याल से धार्मिक स्थलों का मूल रूप नहीं खोना चाहिए। अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान श्रीरामलाल की प्राण प्रतिष्ठा है। देश-विदेश से लोग आएंगे। जब पर्यटन स्थल बन जाएगा तो श्रीराम भक्ति कम होगी।

कुछ संत पर्ची निकाल कर चमत्कार कर रहे हैं, इसे आप कैसे देखते हैं?

आजकल लोग अपनों से दूर रहे हैं। भेड़चाल चल रहे हैं। ऐसे में कभी किसी को परेशानी होती तो वो लोग चमत्कार पर विश्वास करने लगते हैं। मैं किसी साधु-संत का विरोध तो नहीं करूंगा। इतना जरूर कहूंगा कि कर्म करते चलो और फल की चिंता मत करो। ईश्वर सदा आपके साथ खड़ा रहेगा।

बीते कुछ वर्षों से आपने श्रीराम कथाएं करना कम कर दिया, ऐसा क्यों?

देश के अलग-अलग शहरों में श्रीराम कथाएं सुनाईं। विदेश में कथा करने गया। इस दौरान देखा कि भारतीय संस्कृति से लोग दूर होते जा रहे हैं। महिलाओं का पहनावा काफी हद तक बदला है। लोग सुन ही नहीं रहे हैं, इसलिए ऐसा विचार आया कि कथाएं कम करके ईश्वर का स्वयं ही भजन करो। आगामी पांच वर्षों तक कथाएं करूंगा फिर जोधपुर में आश्रम में भगवान श्रीराम की भक्ति में समय बिताऊंगा।

सुना है कि आप अपना भोजन स्वयं ही बनाते हैं, खुद ही अपने वस्त्र धोते हैं?

यह बिल्कुल सही सुना है। स्वयं अपना भोजन बनाता हूं। अपने वस्त्र भी खुद ही धोता हूं। दरअसल पहले साधु-संत अपना भोजन खुद ही बनाते थे। प्रभु की भक्ति करके भोजन बनाते थे। लोग अलग-अलग भाव से भोजन बनाते हैं। किसी का भाव सही तो किसी का गलत भी होता है, इसलिए तय किया खुद ही अपने हाथों से भोजना पका कर खाऊंगा। वस्त्र भी खुद ही धोकर धारण करूंगा।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.