Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

विनायक चतुर्थी पर अद्भुत योग, इन मंत्रों के जाप से परेशानियां होंगी दूर

8

इंदौर।  16 नवंबर (गुरुवार) को विनायक चतुर्थी है। इस दिन श्रीगणेश की पूजा की जाती है। साथ ही व्रत रखा जाता है। विघ्नहर्ता की पूजा करने से जीवन के सभी दुखों का अंत हो जाता है। सुख-समृद्धि और शांति आती है। यही कारण है कि भक्त विनायक चतुर्थी पर गणपति की विधिपूर्वक पूजन करते हैं। इस बार विनायक चतुर्थी पर शुभ संयोग बन रहे हैं।

विनायक चतुर्थी 2023 शुभ मुहूर्त

विनायक चतुर्थी 16 नवंबर को दोपहर 12.34 बजे शुरू होकर अगले दिन 17 नवंबर को सुबह 11.03 बजे समाप्त होगी।

सुकर्मा योग

विनायक चतुर्थी पर सुकर्मा योग बनेगा। यह योग सुबह 10 बजे तक रहेगा। इसके बाद धृति योग का निर्माण होगा। ज्योतिष शास्त्र में दोनों ही शुभ योग हैं। इस योग में भगवान गणेश की आराधना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

रवि योग

विनायक चतुर्थी पर रवि योग बन रहा है। इस योग में भगवान लंबोदर की पूजा करने से लाभ मिलता है। ज्योतिष शास्त्र में इस योग को शुभ माना जाता है। इस योग में शुभ कार्य किए जाते हैं।

सुख-समृद्धि के लिए विनायक चतुर्थी पर इन मंत्रों का जाप करें-

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।

निर्विघ्न कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वेदा।।

विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।

नागाननाथ श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते।।

अमेयाय च हेरम्ब परशुधारकाय ते।

मूषक वाहनायैव विश्वेशाय नमो नमः।।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.