भोपाल। प्रदेश में सड़कों की स्थिति में सुधार होने और यातायात नियम तोड़ने वाले के विरुद्ध चालान की कार्रवाई के बाद भी दुखद पहलू यह है कि सड़क हादसे और इनमें मौतों के आंकड़े कम होने के बजाय बढ़े हैं। इस वर्ष जनवरी से जून के बीच में 29453 सड़क दुर्घटनाओं में 7528 लोगों की मौत हो गई। वर्ष 2022 में 54432 दुर्घटनाएं हुई थीं। यानी पिछले वर्ष की तुलना में कमी आने की जगह दुर्घटनाएं बढ़ीं।
पिछले वर्ष 13427 लोगों ने हादसों में जान गंवाई थी। इस वर्ष छह माह में 7528 लोगों की जान चली गई। गलत दिशा में वाहन चलाने के कारण इस वर्ष जून तक 2129 दुर्घटनाएं हुई थीं। यह कुल हादसों का 7.2 प्रतिशत है। इस कारण 416 लोगों को जिंदगी से हाथ धोना पड़ा। गलत दिशा में वाहन चलाने के कारण राष्ट्रीय राजमार्गों पर ज्यादा हादसे हो रहे हैं।
वजह, कट पाइंट नहीं होने के कारण सड़क किनारे के ग्रामीण क्षेत्र के लोग दो से तीन किलोमीटर तक उल्टी दिशा में चलते हैं। प्रदेश में 77 प्रतिशत हादसे तेज गति से वाहन चलाने के कारण हो रहे हैं, लेकिन चालान की कार्रवाई में इनका हिस्सा लगभग 25 प्रतिशत ही रहता है।
पुलिस और परिवहन विभाग का ज्यादा ध्यान शहरी क्षेत्रों में दुर्घटनाएं रोकने पर रहता है, जबकि इस वर्ष जून तक की बात करें तो कुल सड़क दुर्घटनाओं में 56 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में ही हुई हैं। पिछले वर्ष भी लगभग यही आंकड़ा था। सड़क दुर्घटनाओं में 72 प्रतिशत मृतक ग्रामीण और 28 प्रतिशत शहरी क्षेत्र की सड़कों के थे।
प्रदेश में दुर्घटना संभावित क्षेत्र भी कम होने की जगह बढ़ रहे हैं। वर्ष 2021 में हुई दुर्घटनाओं के आधार पर यह 397 थे, 2022 में 427 हो गए।
यातायात नियम तोड़ने वालों के विरुद्ध हम लगातार सख्ती कर रहे हैं। सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी की जा रही है। ब्लैक स्पाट के कारण चिह्नित कर संबंधित एजेंसियों को इन्हें ठीक करने के लिए कहा गया है।
जी जनार्दन, एडीजी, पुलिस प्रशिक्षण अनुसंधान संस्थान
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