उज्जैन। शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी पर उज्जैन में आज नगर की सुख-समृद्धि के लिए शासकीय पूजा हुई। सुबह कलेक्टर ने चौबीस खंभा माता मंदिर स्थित माता महामाया व महालया को मदिरा का भोग लगाकर पूजा की शुरुआत की। इसके बाद शासकीय अधिकारी व कोटवारों का दल ढोल-ढमाकों के साथ शहर के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित 40 से अधिक देवी व भैरव मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए रवाना हो गए।
करीब 27 किलोमीटर लंबे नगरपूजा मार्ग पर निरंतर मदिरा की धार लगाई जाती है। तंत्र की भूमि उज्जैन में नवरात्र के दौरान साधना आराधना का विशेष महत्व है। यहां देवी व भैरव मंदिरों में अलग-अलग प्रकार से सात्विक व तामसिक पूजा की जाती है।
लोकमान्यता व किंवदंतियों के अनुसार उज्जयिनी के सम्राट विक्रमादित्य शारदेय नवरात्र की महाअष्टमी पर नगर के देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए पूजा किया करते थे। इससे अनके राज्य व नगर में वर्षभर सुख-समृद्धि तथा खुशहाली रहती थी। किसी प्रकार की आपदा व बीमारियां नहीं होती थीं। कालांतर में भी पूजा का क्रम जारी रहा और अब शासन की ओर से यह पूजा करवाई जाती है।
उज्जैन में नवरात्र की अष्टमी पर नगर पूजन, माता महामाया और महालया को कलेक्टर ने अर्पित की मदिरा#MadhyaPradesh #Ujjain #Navratri2023 #AshtamiPujan #Collector #Naidunia pic.twitter.com/JoCIoQPVw0
— NaiDunia (@Nai_Dunia) October 22, 2023
हरसिद्धि में दोपहर 12 बजे पूजा
शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर में सात्विक पूजा होती है। इसलिए नगर पूजा के लिए कलेक्टर माता की पूजा के लिए हरसिद्धि मंदिर आते हैं। रविवार को भी दोपहर 12 बजे कलेक्टर द्वारा शक्तिपीठ में पूजा-अर्चना की गई।
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