इंदौर। तुलसी नगर में चर्चित संजय ठाकरे हत्याकांड की हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान गुरुवार को नौ आरोपित अनुपस्थित रहे। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की। दस में से एक आरोपित ही कोर्ट के सामने हाजिर हुआ। कोर्ट ने सख्त आदेश दिया है कि अगली पेशी पर सभी आरोपित एक साथ उपस्थित हों। साथ ही अगली सुनवाई के लिए 26 अक्टूबर की तारीख तय कर दी।
ये है पूरा मामला
तुलसी नगर रहवासी संघ के तत्कालीन अध्यक्ष संजय ठाकरे की हत्या 1 अप्रैल 2011 को कार में गोली मारकर कर दी गई थी। हत्याकांड में किशोर पटेल, कमलेश वर्मा, सोनू चौधरी, राहुल चौधरी, राजकुमार चौहान, कमल पटेल, वीरेंद्र चौधरी, विनय पांडे और राहुल मिशल को आरोपित बनाया गया था। ठाकरे तुलसी नगर क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे थे। आरोपित किशोर पटेल की पत्नी हेमलता तब सरपंच थीं। पुलिस ने 10 आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इनमें से इन नौ आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था जबकि एक आरोपित बलविंदर का पता ही नहीं चला था।
निचली अदालत के निर्णय के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील
केस का फैसला नौ साल बाद 14 दिसंबर 2020 में हुआ था। इसमें कोर्ट ने आरोपितों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं होने के कारण उन्हें बरी कर दिया था। इसके बाद संजय ठाकरे के भाई विनोद ठाकरे ने निचली अदालत के निर्णय के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की है। हाई कोर्ट ने अपील स्वीकार करते हुए आरोपितों के खिलाफ जमानती वारंट जारी किए थे। मामले की गुरुवार को पहली सुनवाई हुई।
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