इंदौर। जीणमाता मंदिर पाटनीपुरा माता भक्तों में आस्था का केंद्र है। यहां नवरात्र में दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की कतार हर दिनभर लगती है। यहां राजस्थान स्थित जीणमाता मंदिर के मूल स्थान से लाई गई अखंड ज्योति के साथ 251 दीपक नवरात्र में प्रज्वलित किए जा रहे हैं।
ये दीपक भक्तों के नाम से जलाए जाते हैं। इसकी बुकिंग नवरात्र से पहले ही भक्त कर देते हैं। हर साल जितने भक्त बुकिंग करते उतने भक्तों के नाम से दीपक जलाए जाते हैं। यहां वर्षभर विभिन्न यह संख्या 251 हैं।
इतिहास
नवरात्र में दीपक लगाने के लिए विदेशों से आते भक्त
राजस्थान के गोरिया गांव में मूल स्थान
जीण माता का मूल स्थान राजस्थान के गोरिया गांव में है। यहां प्रज्वलित अखंड ज्योति वहां से लाई गई है। भक्तों का मानना है कि माता के पूजन से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। मनोकामना पूर्ति के लिए लोग माता का पूजन करते हैं। यहां वर्षभर विभिन्न हवन-पूजन और अनुष्ठान होते हैं।
-पुष्पेंद्र शर्मा, पुजारी
भक्तों की गहरी आस्था
जीणमाता पर भक्तों की गहरी आस्था है। मैं भी माता के दर्शन के लिए वर्षों से आ रहीं हूं। यहां दुखी मन से आए भक्तों को शातचित होकर प्रसन्न होकर जाते देखा है। मां की भक्ति आनंद देने वाली है। उनकी कृपा से ही यह संसार गतिमान है। यहां उनके विभिन्न स्वरूपों के दर्शन होते हैं।
– किरण खंडेलवाल, भक्त
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