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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच के लिए छोटा पड़ने लगा इंदौर का होलकर स्टेडियम, अब उठी यह मांग

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इंदौर। मध्य प्रदेश के गठन के पहले से स्थानीय खिलाड़ियों ने राष्ट्र का गौरव बढ़ाया है। भारतीय क्रिकेट टीम को अपना पहला कप्तान देने वाले इंदौर में क्रिकेट के प्रति लगाव कभी कम नहीं रहा, लेकिन यह कड़वी वास्तविकता है कि विश्व कप जैसे बड़े आयोजन की मेजबानी से प्रदेश दूर है। तमाम तर्कों के बीच यह यथार्थ है कि पैर पसारते शहर के प्रशंसकों के लिहाज से शहर का अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम अब छोटा महसूस होता है। नए स्टेडियम के लिए सालों से प्रयास हो रहे हैं, लेकिन योजनाएं ‘जमीन’ पर नहीं उतर पा रहीं।

मध्य प्रदेश में सिर्फ दो शहरों इंदौर और ग्वालियर में ही अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जाते हैं। इंदौर के नेहरू स्टेडियम और ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम में अब अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेले जाते। भोपाल और जबलपुर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम नहीं हैं। पूरा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट फिलहाल इंदौर के होलकर स्टेडियम पर ही निर्भर है।

27 हजार दर्शक ही बैठ पाते हैं होलकर स्टेडियम में

विश्व कप में भारत और पाकिस्तान के बीच अहमदाबाद के नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में शनिवार को जब मैच हुआ तो खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए एक लाख से ज्यादा दर्शक मैदान में मौजूद थे। वहीं जब इंदौर में मैच होता है तो 27 हजार दर्शक ही प्रवेश पाते हैं। यह सही है कि हर मैदान अहमदाबाद जितना बड़ा नहीं होता है, लेकिन इंदौर जितना छोटा भी नहीं होता।

दूसरे स्टेडियम के मुकाबले छोटी है इंदौर की बाउंड्री

इंदौर के होलकर स्टेडियम की बाउंड्री 68 यार्ड की रहती है, जबकि अहमदाबाद में करीब 75 यार्ड की बाउंड्री होती है। विश्व कप के सभी मेजबान मैदानों में सबसे बड़ी बाउंड्री लखनऊ के इकाना में 77 यार्ड की है। छोटी सीमारेखा के चलते इंदौर में छक्के भी बहुत लगते हैं, मगर अहमदाबाद जैसे मैदान में वही शाट मैदान पार न कर सके। शहर में आइपीएल के दौरान भी फ्रेंचाइजी टीमें मैदान छोटा होने की बात दबी जुबान से कहती रही हैं।

वर्ष 2008 से जमीन तलाश रहा है प्रदेश क्रिकेट संगठन

होलकर स्टेडियम में वर्ष 2006 में पहला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेला गया था। इसके दो साल बाद से एमपीसीए ने नए मैदान के लिए जमीन तलाशना शुरू कर दिया था। शहर के सुपर कारिडोर पर आइडीए ने विभिन्न संस्थाओं के साथ खेल गतिविधियों के लिए भी जमीन आरक्षित की है। एमपीसीए ने यह जमीन अन्य संस्थानों की तरह रियायती दर पर लेने का प्रयास प्रारंभ किया। वर्ष 2020 में प्रदेश सरकार के गजट नोटिफिकेशन में कहा गया कि खेल संस्थाओं को 60 फीसद तक की रियायती दर पर जमीन दी जा सकती है, लेकिन आइडीए ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। ऐसे में स्टेडियम के लिए प्रस्तावित 23 एकड़ की भूमि करीब 200 करोड़ रुपये की दर पर लेने की स्थिति मप्र क्रिकेट संगठन (एमपीसीए) की नहीं होने से यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई।

ग्वालियर में बन रहा है नया स्टेडियम

मध्य प्रदेश क्रिकेट संगठन द्वारा ग्वालियर में नया स्टेडियम बनाया जा रहा है। इसकी क्षमता 50 हजार दर्शकों की होगी। प्रारंभिक चरण में यहां भी 30 हजार दर्शकों की व्यवस्था की गई है, जिसे बाद में बढ़ाया जाएगा। कुल 30 एकड़ के परिसर में से 21 एकड़ में स्टेडियम सहित अन्य सुविधाएं जुटाई गई हैं। इसकी तुलना में इंदौर का होलकर स्टेडियम काफी छोटा है, जिसका कुल क्षेत्र करीब नौ एकड़ है।

जमीन के लिए चल रहे प्रयास

एमपीसीए वर्ष 2008 से इंदौर में जमीन तलाश रहा है। सुपर कारिडोर पर खेल गतिविधियों के लिए रियायती दरों पर जमीन के लिए प्रयास किया था, लेकिन बाजार भाव से जमीन खरीदने की स्थिति नहीं है। इसलिए यह मामला ठंडे बस्ते में है। ग्वालियर का निर्माणाधीन स्टेडियम जल्द पूरा हो जाएगा। – रोहित पंडित, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, एमपीसीए

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