केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आए मंत्रियों को छोड़ दें तो अधिकतर शिवराज सिंह चौहान के विश्वासपात्र हैं। यशोधरा राजे सिंधिया चुनाव लड़ने से मना कर चुकी हैं।
प्रत्याशी चयन को लेकर भाजपा सतर्क
दरअसल, भाजपा प्रत्याशी चयन को लेकर फूंक-फूंककर कदम उठा रही है। बुंदेलखंड और विंध्य में जातिगत समीकरण काफी मायने रखते हैं, इसलिए इसे देखते हुए टिकट तय किए गए हैं। कुछ प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है तो कुछ मंत्रियों को संगठन की पसंद पर भी प्रत्याशी बनाया गया है।
उमा के भतीजे राहुल को भी मिला टिकट
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे राहुल सिंह लोधी को भी खरगापुर से प्रत्याशी बनाया गया है। संगठन ने फिर चुरहट में शरदेंदु तिवारी पर भरोसा जताया है। उन्होंने पिछला चुनाव कांग्रेस के कद्दावर नेता अजय सिंह को हराया था। विधायकों में से ज्यादातर शिवराज समर्थक हैं। चौहान ने भी केंद्रीय नेतृत्व के प्रति आभार जताते हुए कहा कि राज्य से जिन प्रत्याशियों की सिफारिश की गई थी, उन पर पार्टी नेतृत्व ने भी भरोसा जताया है।
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