सांप ने फन मारते हुए अंगुली में काटा
दरअसल, शहर से सटे मुड़ियाखेड़ा गांव निवासी शैलेंद्र पुत्र चंद्रभान सिंह उम्र 40 साल सुमित्रा देवी कोल्ड स्टोरेज पर काम करता है। शनिवार की रात वह कोल्डस्टोरेज में खाना बना रहा था, इसी दौरान गोदाम के पास झाड़ियों से निकलकर काले रंग का सांप रफ्तार में आया। शैलेंद्र सिंह वहां से उठ पाता, उससे पहले ही सांप ने फन मारते हुए शैलेंद्र की अंगुली में काट लिया।
दांत अंगुली में ही फंसे रह गए
सांप ने अंगुली को इस तरह काटा कि सांप के दांत अंगुली में ही फंसे रह गए। झटके के साथ शैलेंद्र ने सांप को अंगुली से अलग किया। इसके बाद उसने पास ही पड़ा बेलन उठाया और सांप को पीट-पीटकर वहीं मार डाला। मृत सांप को पालीथिन में रखा और सीधे जिला अस्पताल लेकर आ गया।करीब दो घंटे चले इलाज के बाद डाक्टरों ने शैलेंद्र की हालत खतरे से बाहर बताई है।
इनका कहना है
इस तरह सांप को मारकर लाने से कोई फायदा नहीं, क्योंकि डाक्टर इस तरह सांप को देखकर उसके जहर का अनुमान नहीं लगाते। मेडिकल चिकित्सा के अनुसार 90 फीसद सांप जहरीले नहीं होते। यदि सांप के काटने के 30 मिनट तक पीड़ित की आंखों में समस्या हो, सांस लेने में तकलीफ हो या थकान महसूस करे तब माना जाता है कि काटने वाला सांप जहरीला है, उसके बाद हायपर सेंसिविटी टेस्ट करना पड़ता है, फिर दवाएं दी जाती हैं।
राकेश शर्मा, सीएमएचओ, मुरैना
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