गंगटोक: सिक्किम में प्रकृति ने जमकर तबाही मचाई है, जिसके बाद यहां हाहाकार मचा हुआ है। दरसअल बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई है, जिसकी चपेट में आकर 19 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, 16 जवानों समेत 100 से अधिक लोग लापता हो गए हैं। बताया जा रहा है कि मृतकों में सेना के 6 जवान भी शामिल हैं। वहीं, मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने 2500 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है। जबकि 3000 पर्यटक अभी भी फंसे हुए हैं। हालात को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सभी स्कूलों को 15 अक्टूबर तक बंद रखने का फैसला किया है। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिया है।
वहीं, राज्य सरकार ने पर्यटकों से फिलहाल सिक्किम नहीं आने को कहा है। सरकार ने अचानक आई बाढ़ में सेना के बेस कैंप से विस्फोटकों और गोला-बारूद के बह जाने की संभावना पर एक एडवाइजरी भी जारी की है। बाढ़ के चलते यहां का सारा पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर तबाह हो गया। बिजली मंत्रालय ने कहा कि वह बाढ़ का पानी कम होने के बाद सिक्किम में हाईड्रोपावर प्रोजेक्ट को हुए नुकसान का डिटेल में आकलन करेगा।
मंत्रालय ने कहा कि NHPC राज्य के स्वामित्व वाले हाईड्रोपावर प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द चालू करने के लिए हर संभव उपाय कर रही है। 3 और 4 अक्टूबर की आधी रात को तीस्ता बेसिन में अचानक आई बाढ़ के कारण तीस्ता-V हाईड्रोपावर स्टेशन के नीचे तारखोला और पम्फोक तक के सभी पुल डूब गए या बह गए।
सिक्किम के 4 जिलों- मंगन, गंगटोक, पाक्योंग और नामची में बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। यहां 22 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं 2 हजार से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया गया है। यहां 26 रिलीफ कैंप लगाए गए हैं। इन जिलों में पानी की पाइपलाइन, सीवेज लाइन और 250 से ज्यादा घर टूट गए हैं और 11 ब्रिज तबाह हो गए हैं।
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