Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

देवास में पैकी प्लाट पर भाजपा और कांग्रेस में रस्साकशी, बयानबाजी का दौर

6

देवास। देवास में नजूल और पैकी प्लाट के मामले में भाजपा और कांग्रेस के बीच रस्साकशी चुनाव के समय तेज हो गई है। कांग्रेस लगातार इस मामले में भाजपा को घेरने में जुटी है तो आमजन भी इसे लेकर दर्द बयां कर रहा है।

सीएम ने की थी घो‍षणा

वर्ष 2014-2015 में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान घोषणा कर चुके थे कि देवास में पैकी प्लाट की समस्या खत्म होगी, लेकिन यह घोषणा अमल में नहीं आ सकी। नतीजा यह हुआ कि भाजपा नेता जनता को जवाब देकर थक चुके हैं। हाल ही में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा और किसान मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री बंशीलाल गुर्जर देवास आए थे। यहां बैठक में पूछा था कि देवास में ऐसी कौन सी समस्या है जिसे विपक्ष मुद्दा बना सकता है। इस पर पैकी प्लाट का मामला बताया गया और मांग भी की गई कि सरकार और संगठन इस दिशा में प्रयास करे।

पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा का कहना है कि हमारी सरकार बनती है तो उक्त समस्या खत्म कर देंगे। मुख्यमंत्री ने हजारों घोषणाएं कीं, लेकिन हुआ कुछ नहीं।

भाजपा भी इस समस्‍या से परेशान

इधर, भाजपा भी इस समस्या से परेशान नजर आ रही है और हाल ही में हुई भाजपा चुनाव संचालन समिति की बैठक में भी यह मुद्दा उठा। यह मामला पुराना है। 2006-07 से पहले तक तो नक्शे पास हो जाया करते थे, लेकिन बाद में किसी ने मामले में आपत्ति ली और विधानसभा में प्रश्न उठवाया। इसके बाद से इस पर रोक लग गई। अब पैकी प्लाट के नक्शे पास नहीं होते।

सीएम से मिल चुके महापौर

देवास के अलावा मप्र के अन्य शहरों में भी इस तरह की समस्या की बात कही जा रही है। कुछ साल पहले कई महापौर सीएम से मिल चुके हैं, लेकिन समस्या यथावत है। एक ही प्लाट के दो या तीन टुकड़े करके बेचना पैकी प्लाट की श्रेणी में आता है। बिल्डरों ने ऐसा किया, जिसके बाद यह नियम बनाया गया कि एक प्लाट के दो टुकड़े हैं तो वह पैकी कहलाएगा और नक्शा पास नहीं होगा। इस कारण उन लोगों को ज्यादा परेशानी आई, जिन्होंने खुद के मकान का सपना संजोकर छोटे प्लाट खरीदे।

शासन स्तर से ही हल होगी समस्या

पूर्व महापौर सुभाष शर्मा का कहना है कि मैंने रतलाम, खंडवा, बुरहानपुर के महापौरों के साथ भोपाल जाकर बात की थी। मुख्यमंत्री ने टीएंडसीपी के डिप्टी डायरेक्टर से कहा था कि इसे देखिए। समस्या का समाधान शासन स्तर से ही होगा।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.