उज्जैन। मध्य प्रदेश की धर्मधानी ‘उज्जैन’ की छवि विश्वभर में लोकप्रिय करने का दुर्लभ अवसर आज फिर बना है। वो दिन जब ‘श्री महाकाल महालोक’ की भव्यता खुलकर दुनियाभर के सामने आएगी। भव्य लाइट एंड साउंड और रंगारंग आतिशबाजी बीच ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर परिसर के नववस्तिारित क्षेत्र ‘श्री महाकाल महालोक’ में 250 करोड़ रुपये से हुए निर्माण कार्यों का लोकार्पण होगा।
महाकाल अन्नक्षेत्र होगा शुरू
निशुल्क भोजन प्रसादी ग्रहण करने को प्रदेश की सबसे बड़ी रसोई (श्री महाकालेश्वर मंदिर अन्नक्षेत्र) के द्वार खोल दिए जाएंगे। वो रास्ते भी जहां पग-पग पर मंदिर स्थापत्य कला, संस्कृति और आध्यात्मिक भाव के दर्शन होंगे। अब श्रद्धालु यहां दीवारों पर शिव महापुराण में वर्णित घटनाओं के साथ उज्जैन की गौरव गाथा सुनाते शैल चित्र को भी निहार सकेंगे। ये दिन इसलिए भी खास होगा, क्योंकि इसी दिन यहां के शासकीय उज्जैन इंजीनियरिंग कालेज की जमीन पर 260 करोड़ रुपये से सरकारी मेडिकल कालेज बनाने और इंदौर रोड पर 284 करोड़ रुपये से यूनिटी माल बनाने को भूमिपूजन किया जाएगा।
कन्वेंशन सेंटर की सुविधा
मेडिकल कालेज, उज्जैन की स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति का दशा बदलेगा तो वहीं यूनिटी माल सभी 36 राज्यों के प्रमुख उत्पादों और प्रदेश के 53 जिलों के प्रमुख उत्पादों के प्रमोशन एवं विक्रय का मुख्य केंद्र बनकर उभरेगा। ये वो स्थान होगा जहां जीआइ टैग और हस्तशिल्प उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा। दो रेस्त्रां, तीन मल्टीप्लेक्स, कन्वेंशन सेंटर की सुविधा मिलेगी।
सिंहस्थ-2028 को ध्यान में रख किया निर्माण
महाकाल महालोक परियोजना का काम सिंहस्थ- 2028 में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को ध्यान में रख किया गया है। प्रशासन ने सिंहस्थ में 15 करोड़ लोगों के आने का अनुमान लगाया है। इस हिसाब से महाकालेश्वर मंदिर सहित उज्जैन शहर को जोड़ने वाले सभी प्रमुख मार्गों को चौड़ा किया है। अब आप महाकालेश्वर मंदिर आएंगे तो मंदिर पहुंच के लिए पांच चौड़े रास्ते आपको देखने को मिलेंगे। रूद्रसागर में पानी साफ देखने मिलेगा। रूद्रसागर के एक तरफ भगवान शिव एवं अन्य देवी-देवताओं की भव्य मूर्ति, दूसरी तरफ सुसज्जित हरित क्षेत्र, ध्यान कुटी, हेरिटेज धर्मशाला के रूप में आवासीय व्यवस्था मिलेगी।
अब 100 मीटर दूर से भी महाकाल शिखर दर्शन
अब आप 100 मीटर दूर से महाकाल मंदिर के शिखर के दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए मंदिर की चारों दिशाओं से बाधा हटाकर हरित क्षेत्र विकसित किया गया है। योग, ध्यान एवं आराम के लिए बैठक व्यवस्था भी की गई है। अन्य बुनियादी सुविधाओं का भी विस्तार किया गया है।
दो हजार लोग एक साथ कुर्सी पर बैठ कर सकेंगे भोजन
महाकाल महालोक परिसर में प्रदेश की सबसे बड़ी रसोई (श्री महाकालेश्वर मंदिर अन्नक्षेत्र) बनाई गई है जहां एक समय पर दो हजार लोग कुर्सी पर बैठ भोजन-प्रसाद ग्रहण कर पाएंगे। उम्दा मशीनों के माध्यम से दिनभर में एक लाख लोगों को यहां भोजन कराने की व्यवस्था महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने की है।
वाहन पार्किंग के भी उम्दा इंतजाम
महाकाल मंदिर क्षेत्र में वाहनों की पार्किंग हमेशा बड़ी समस्या रही है। इसका समाधान अब प्रशासन ने कर लिया है। गुरुवार को सीएम महाकाल मैदान पर नीलकंठ वन के नाम से विकसित पार्किंग सह हाकर्स जोन का लोकार्पण करने जा रहे हैं। कहा गया है कि यहां 217 कार, 280 बाइक, 10 ई-रिक्शा, 10 वीआइपी कार आसानी से पार्क की जा सकेंगी।
छोटा रूद्रसागर तरफ 161 कार और 276 बाइक पार्क की जा सकेंगी। इसके पहले सीएम हरिफाटक ब्रिज के समीप मेघदूत वन में 466 कार, 9 बसें, 230 बाइक और 20 ई-रिक्शा पार्क करने, त्रिवेणी कला सग्रहालय के सामने महाकाल पार्किंग में 120 कार, 450 बाइक पार्क करने की सुविधा का लोकार्पण कर चुके हैं।
आचार संहिता के फेर में अधूरे निर्माण कार्यों का ही लोकार्पण
आचार संहिता के फेर में सरकार कुछ अधूरे निर्माण कार्यों का ही लोकार्पण कर रही है। महाराजवाड़ा हेरिटेज धर्मशाला, नीलकंठ द्वार, उज्जैन की गौरव गाथा सुनाते शैल चित्रों की दीवार का निर्माण अधूरा है। बावजूद इनका लोकार्पण किया जा रहा है। विशेष बात ये है कि महाकाल महालोक योजना-2 में शामिल इंदौर गेट रेलवे स्टेशन महाकाल महालोक तक 209 करोड़ रुपये से रोप-वे बनाने का काम, कमल तालाब में लाइट एंड साउंड शो और बड़े रूद्र सागर में थ्री डी वाटर स्क्रीन प्रोजेक्शन शो के जरिये ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के प्राकट्य और उज्जयिनी की गौरव गाथा सुनाने काे 32 करोड़ रुपये का काम शुरू ही न हो सका है।
जबकि इस कार्य के लिए राशि मंजूर हुए कई महीने बीत चुके हैं। रामघाट को पुरातन स्वरूप में निखारने पर लगी रोक भी अब तक नहीं हट सकी है। इस कारण स्वीकृत 13 करोड़ रुपये का काम ठप पड़ा है। महाकालेश्वर मंदिर परिसर में टनल निर्माण सहित कई आंतरिक कार्य भी अधूरे हैं। महाकाल पार्किंग का विस्तार कार्य भी शुरू न हो सका है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.