बुरहानपुर। अनुकंपा नियुक्त और साप्ताहिक अवकाश देने सहित अन्य मांगों को लेकर बीते छह दिन से चल रही सफाई कर्मचारियों की हड़ताल शनिवार देर शाम समाप्त हो गई। सफाई कर्मचारी यूनियन ने रविवार से पूर्ववत सड़कों की सफाई और घरों से कचरा कलेक्शन का काम शुरू करने का भरोसा दिलाया है। सफाई कर्मियों के आश्वासन के बाद नगर निगम प्रशासन और पार्षदों ने राहत की सांस ली।
इससे पहले दोपहर करीब दो बजे से महापौर माधुरी पटेल, निगम अध्यक्ष अनीता यादव, निगमायुक्त संदीप श्रीवास्तव और पार्षदों की मौजूदगी में बैठक शुरू हुई। करीब चार घंटे तक चली इस बैठक में निर्णय लिया गया है कि स्थानीय स्तर की तीन मांगों को तत्काल प्रभाव से मानते हुए लागू किया जाएगा। राज्य स्तर की मांगों के लिए भी पत्राचार किया जाएगा।
कचरे से पटा शहर
छह दिन से सड़कों की सफाई नहीं होने और घरों से कचरा एकत्र नहीं किए जाने के कारण पूरा शहर कचरे से पट गया है। इसे लेकर नागरिकों में गहरा आक्रोश था। उनके आक्रोश का सामना निगम के अफसरों के साथ ही पार्षदों को भी करना पड़ रहा था। जिसके चलते पार्षदों ने निगमायुक्त व महापौर पर बैठक बुलाने और सफाई कर्मियों की स्थानीय मांगों को मानने का दबाव बनाया था।
यह मांगें मानी गईं
नगर निगम प्रशासन ने सफाई व ठेका कर्मचारियों की जिन तीन मांगों को माना है, उनमें पहली साप्ताहिक अवकाश की मांग है। निगम प्रशासन अब सभी कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश देगा। आधे कर्मचारियों को बुधवार को और आधे कर्मचारियों को रविवार को अवकाश मिलेगा। अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों का जल्द परीक्षण कर पात्रता अनुसार अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी।
इसके अलावा नगर निगम प्रशासन कर्मचारियों को समयमान वेतनमान भी देगा। इसके लिए जल्द प्रक्रिया शुरू की जाएगी। देर शाम इन मांगों को माने जाने के बाद सफाई कर्मचारी यूनियन के कालू जंगाले सहित अन्य नेताओं ने हड़ताल समाप्ति की घोषणा कर दी। हड़ताल सफाई कर्मचारी दोपहर से नगर निगम परिसर में डटे थे और धरना प्रदर्शन व नारेबाजी कर रहे थे।
सड़कों से लेकर ताप्ती के घाटों तक कचरे का अंबार
नगर निगम के सफाई कर्मचारियाें और कचरा वाहन चालकों की हड़ताल ने पूरे शहर को कचरा घर में तब्दील कर दिया है। सड़कों और चौराहों से लेकर ताप्ती के घाट तक कचरे से पटे हुए हैं। लोगों को सड़कों पर फैली गंदगी के बीच से आवागमन करना पड़ रहा था। कुछ क्षेत्रों में सड़क किनारे बड़ी मात्रा में कचरा एकत्र हो जाने के कारण आसपास के रहवासियों को बदबू का सामना करना पड़ रहा था।
गणपति विसर्जन के दौरान निकला निर्माल्य व अन्य सामग्री बड़ी संख्या में ताप्ती नदी के विभिन्न घाटों पर जमा है। ज्ञात हो कि श्राद्ध पक्ष शुरू हो गया है और इस दौरान बड़ी संख्या में लोग श्राद्ध पिंडदान के लिए ताप्ती के घाटों पर पहुंचते हैं। इसके चलते भी लोग आक्रोशित थे।
ठेका कर्मचारी भी हो गए थे साथ
पहले दिन केवल ठेके पर कार्यरत करीब पांच सौ सफाई कर्मचारी ही हड़ताल पर गए थे। तीसरे दिन से कचरा वाहन चालकों और विभिन्न विभागों में कार्यरत कम्प्यूटर आपरेटर व अन्य ठेका कर्मचारियों ने भी सेवाएं बंद कर दी थीं। आरोप था कि हड़ताल का आह्वान करने वाले कुछ कर्मचारी नेताओं द्वारा कचरा वाहन चालकों व अन्य कर्मचारियों को डरा धमका कर हड़ताल में शामिल कराया गया है।
नगर निगम के पास नियमित और विनियमित करीब 400 सफाई कर्मचारी हैं, लेकिन डर के कारण वे भी काम पर नहीं आ रहे थे। जिसके चलते सफाई और कचरा संग्रहण का काम पूरी तरह ठप हो गया था। निगमायुक्त ने कलेक्टर व एसपी को भी इस तथ्य से अवगत कराया था।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.