ग्वालियर। चंबल के बीहड़ों में एथलीट से डकैत बने पान सिंह तोमर का एनकाउंटर करने वाले तेज तर्रार आइपीएस विजय रमन का शुक्रवार को पुणे के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे कैंसर से पीड़ित थे। उनकी पत्नी वीना का कहना है कि फरवरी में उन्हें कैंसर होने की पुष्टि हुई और उसके बाद से ही उनका इलाज चल रहा था।
ग्वालियर-चंबल से रहा खास नाता
1975 बैच के आइपीएस विजय रमन का ग्वालियर-चंबल से खास नाता रहा है। चंबल के इलाके में मौजूद डकैतों के बीच विजय रमन का खासा खौफ था और बताया जाता है कि जब फूलन देवी ने आत्मसमर्पण किया था तो उस वक्त उन्होंने विजय रमन की जगह किसी और को भिंड का एसपी बनाने की मांग की थी।
साल 1981 में डकैत पान सिंह तोमर का एनकाउंटर भी विजय रमन के नेतृत्व में किया गया था। पान सिंह तोमर के खिलाफ यह मुठभेड़ 14 घंटे तक चली थी। विजय रमन कई आतंक-रोधी और नक्सलरोधी अभियानों का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ और रेलवे पुलिस के साथ भी काम किया था।
संसद हमले के मास्टरमाइंड गाजी बाबा को मार गिराया था
साल 2003 में श्रीनगर में सीमा सुरक्षा बल के आइजी के रूप में तैनात रहे विजय रमन ने 10 घंटे की चुनौतीपूर्ण मुठभेड़ का नेतृत्व किया, जिसमें संसद हमलों का मास्टरमाइंड और खतरनाक आतंकवाद गाजी बाबा को मार गिराया गया था।
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