भोपाल। भाजपा मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को महिला केंद्रित बनाने में सफल होती दिख रही है। शिवराज सरकार ने भी पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा लाभ दिलाया है। राज्य सरकार ने महिलाओं के लिए लाड़ली बहना योजना बनाई है, जो लोकप्रिय भी हो रही हैं। इसके तहत एक करोड़ 31 लाख महिलाओं को 1,250 रुपये प्रतिमाह नकद लाभ दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस की घोषणा की हवा निकालते हुए 450 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर देने की घोषणा को भी अमल में ला दिया है। ऐसी कई अन्य महिला केंद्रित योजनाओं के आधार पर भाजपा विधानसभा चुनाव में दो करोड़ 60 लाख महिला मतदाताओं को साधने की कोशिश कर रही है।
विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी अपना सारा फोकस महिला वोट प्रतिशत बढ़ाने पर कर रही है ताकि उन विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को फायदा मिल सके। भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि जहां हार-जीत का अंतर पांच से दस हजार वोटों के बीच होता है, वहां महिलाओं का इतना वोट प्रतिशत बढ़ने से सीटें पार्टी जीत लेगी।
पार्टी ने हाल में सरकार की लोकप्रियता को लेकर एक सर्वे करवाया, जिसमें पता चला कि मोदी-शिवराज सरकार की लोकप्रियता पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा है। वह भी ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में अधिक है। इस सर्वे को आधार मानकर ही पार्टी लाड़ली बहना जैसी योजनाओं को ज्यादा प्रचारित कर रही है।
संसद में महिला आरक्षण विधेयक प्रस्तुत करके पार्टी ने इस बात के संकेत भी दे दिए हैं कि आगामी चुनावों में महिलाओं से जुड़े मुद्दे ही प्राथमिकता में रहेंगे। चुनाव का पूरा फोकस महिला मतों के ध्रुवीकरण पर करने का जोर भाजपा संगठन लगा रहा है।
सरकार की लोकप्रिय होती योजनाएं
राज्य सरकार की महिलाओं के लिए बनाई गई कल्याणकारी योजना कन्यादान, लाड़ली लक्ष्मी, जननी योजना, महिला मजदूरों को प्रसव पर आर्थिक सहायता ,छात्राओं को मुफ्त साइकिल और स्कूल ड्रेस, छात्रवृत्ति, बुजुर्ग महिलाओं को तीर्थ दर्शन कराने की योजना बेहद लोकप्रिय हैं।
महिलाओं को गैस चूल्हा बांटने वाली उज्जवला योजना और मुख्यमंत्री लाड़ली बहना आवास योजना ने महिलाओं में भाजपा की लोकप्रियता को बढ़ाया है। वहीं, तीन तलाक जैसे मसलों पर मुस्लिम महिलाओं का अतिरिक्त समर्थन भी पार्टी को मिलने की उम्मीद है।
शिवराज की मामा वाली छवि भी लोकप्रियता का कारण
भाजपा सरकार के महिलाओं के बीच ज्यादा लोकप्रिय होने की मुख्य वजह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरल-सहज व मामा की छवि है। खासतौर से सीएम के द्वारा महिलाओं से जो भाई यानी उनके बच्चों के मामा का जो रिश्ता बनाया है, उसने ग्रामीण महिलाओं में सीएम की छवि की अमिट छाप बनाई है। महिलाएं सीएम को आम जनता के बीच का व्यक्ति मानती हैं।
सदन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व
वर्ष 2018 के चुनाव के बाद गठित 15वीं विधानसभा में कुल 21 महिला विधायक हैं। इनमें भाजपा की 14, कांग्रेस की छह और बसपा की एक महिला विधायक शामिल हैं। इसी तरह चौदहवीं विधानसभा की बात की जाए तो 230 विधायकों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में 32 महिला विधायक थीं।
भाजपा बढ़ा सकती है महिला प्रत्याशी
विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा महिला प्रत्याशियों की संख्या बढ़ा सकती है। पार्टी ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। महिला आरक्षण कानून बनाए जाने की संभावनाओं को देखते हुए भी महिला प्रत्याशियों की संख्या बढ़ाए जाने की उम्मीद है।
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