विश्व को शांति और एकता का संदेश देगा ‘स्टैच्यू ऑफ वननेस’, 21 सितंबर को CM शिवराज करेंगे अनावरण एवं अद्वैत लोक का शिलान्यास
भोपाल: मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार सनातन संस्कृति के संरक्षण और धार्मिक केंद्रों के पुनरुत्थान पर विशेष ध्यान दे रही है। उज्जैन में श्री महाकाल लोक के बाद अब ओंकारेश्वर में एकात्मधाम बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 21 सितंबर को ओंकारेश्वर में आचार्य शंकर की 108 फीट ऊंची बहुधातु से निर्मित एकात्मता की मूर्ति का अनावरण कर अद्वैत लोक का शिलान्यास करेंगे।
गरिमा व भव्यता से हो कार्यक्रम
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्टैच्यु ऑफ वननेस का अनावरण कार्यक्रम संबंधी समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा एकात्मता की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम पूर्ण गरिमा, भव्यता और दिव्यता के साथ आयोजित किया जाए। कार्यक्रम में शामिल होने वाले देश के सभी प्रमुख साधु-संतों का स्वागत-सत्कार परंपरागत रूप से किया जाए। कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधिगण को भी आवश्यक रूप से जोड़ा जाए। वर्षा ऋतु को देखते हुए आयोजन स्थल तथा यातायात व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन विशेष रूप से संवेदनशील और सतर्क रहे तथा बिन्दुवार प्लानिंग करे।
ब्रह्मोत्सव में होगा संत विमर्श तथा मुख्यमंत्री चौहान का संबोधन
एकात्मता की मूर्ति का अनावरण कार्यक्रम प्रमुख संतों की उपस्थिति में भव्यता के साथ होगा। बैठक में जानकारी दी गई कि सिद्धवरकूट पर ब्रह्मोत्सव का आयोजन होगा। इसमें शंकर संगीत वेदोच्चार, आचार्य शंकर के स्त्रोतों पर एकाग्र समवेत नृत्य प्रस्तुति “शिवोहम” तथा आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास द्वारा प्रकाशित “एकात्म धाम” और अद्वैत युवा जागरण शिविर आधारित पुस्तकों का विमोचन किया जाएगा। “एकात्मकता की यात्रा” फिल्म का प्रदर्शन भी होगा। ब्रह्मोत्सव में दोपहर को संत विमर्श होगा तथा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कार्यक्रम को संबोधित भी करेंगे। ब्रम्होत्सव में लगभग 5 हजार संत मनीषियों और विशिष्ठजनों का समागम होगा।
उत्तरकाशी के सन्यासियों व श्रृंगेरी शारदापीठ के आर्चकों द्वारा किया जा रहा है हवन
आचार्य शंकर की 108 फीट ऊंची मूर्ति के अनावरण से पहले मान्धाता पर्वत पर उत्तरकाशी के स्वामी ब्रहोन्द्रानन्द तथा 32 संन्यासियों द्वारा प्रस्थानत्रय भाष्य पारायण और दक्षिणाम्नाय श्रृंगेरी शारदापीठ के मार्गदर्शन में देश के लगभग 300 विख्यात वैदिक आर्चकों द्वारा वैदिक रीति पूजन तथा 21 कुंडीय हवन किया जा रहा है। एकात्मता की मूर्ति का अनावरण और अद्वैत लोक का भूमि एवं शिला पूजन दक्षिणाम्नाय श्रृंगेरी शारदापीठ के मार्गदर्शन में होगा।
ओंकारेश्वर से गूंजेगा एकात्मता का संदेश
ओंकारेश्वर में विकसित हो रहे, ‘एकात्म धाम’ में आचार्य शंकर की बाल रूप में 108 फीट की ‘एकात्मता की मूर्ति’ केवल एक प्रतिमा नहीं, यह ऊर्जा का ऐसा स्त्रोत सिद्ध होगी, जहां से सम्पूर्ण विश्व मानवता के उत्थान के लिए गुरु ज्ञान प्राप्त करेगा। यहां निर्मित 12 वर्षीय शंकर की मूर्ति उस क्षण से प्रेरित है जब, श्री गुरु गोविंदपाद ने भगवतपाद शंकर को काशी की दिशा में जाने का आदेश देते हुए कहा कि, जाओ सनातन वेदान्त अद्वैत परंपरा की पुनः स्थापना करो। यह वही मुद्रा है, जब आचार्य शंकर गुरु का आदेश सिरोधार करके काशी की ओर चले थे, जन-जन में चेतना जागृत कर के लोगों को मानवता का पाठ पढ़ाया। अब उन्हीं शंकर को प्रेरणा स्त्रोत रूप में स्थापित करके, उनका दिया ज्ञान विश्व भर में प्रसारित करना है, भारत पुनः विश्व गुरु बने, इसी स्वप्न को साकार करने के लिए, एकात्म धाम, अद्वैत लोक और ‘एकात्मता की मूर्ति’ का सृजन हो रहा है, जो भारत की सनातन परंपरा का संवाहक होगा।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.