इंदौर। क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने ठग गिरोह के सदस्य को पकड़ा है, जो संभ्रांत परिवार की युवतियों को निशाना बना रहा था। आरोपित वाट्सएप पर दोस्ती कर युवतियों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है। हालांकि मास्टर माइंड अभी फरार है। आरोपितों द्वारा ओडिशा के सिमकार्ड का उपयोग किया जा रहा है। इससे शक है गिरोह ओडिशा का है। पुलिस बैंक खातों और मोबाइल नंबरों की जांच कर रही है।
युवती ने की थी शिकायत
डीसीपी (अपराध) निमिष अग्रवाल के मुताबिक निजी कंपनी में नौकरी करने वाली युवती ने शिकायत दर्ज करवाई थी। युवती की पिछले वर्ष अक्टूबर में एक युवक से वाट्सएप पर दोस्ती हुई थी। उसने स्वयं को आयात-निर्यात व्यवसायी बताया और युवती को विश्वास में ले लिया। कुछ दिनों पूर्व उसने कारोबार के सिलसिले में विशाखापट्टनम जाना बताया और एक दिन घबराते हुए कहा कि उसके जहाज को कस्टम विभाग ने पकड़ लिया है।
युवती से रुपये लिए और फोन बंद कर गायब हो गया
उसने युवती से एक लाख 29 हजार रुपये ले लिए और फोन बंद कर गायब हो गया। पुलिस ने बुधवार को अमन रघुवंशी (गुना) को गिरफ्तार किया। डीसीपी के मुताबिक अमन तो सिर्फ मोहरा है। युवती से चैटिंग करने वाले बदमाश ने युवती से अन्नपूर्णा क्षेत्र के एक एमपी लाइन सेंटर पर रुपये जमा करवाए थे। बाद में उसने अमन से माध्यम से भंवरकुआं स्थित एमपी आनलाइन सेंटर से रुपये निकाल लिए।
ठगी की राशि निकालने का काम
पूछताछ में अमन ने बताया कि उसका काम सिर्फ ठगी की राशि निकालने का है। वह कमीशन लेकर गिरोह के मुख्य सदस्य तक उसका रुपया भिजवा देता है। अमन कमीशन के रूप में एक करोड़ रुपये कमा चुका है। डीसीपी के मुताबिक गिरोह के सदस्यों का तीन भागों में काम बंटा है। पहली पंक्ति के बदमाश युवतियों से दोस्ती कर उनका विश्वास जीत लेते हैं। दूसरी पंक्ति वाले सदस्य ठगी की राशि निकाल कर मुखिया तक पहुंचाता है।
एमपी आनलाइन के खातों में ठगी का रुपया
आरोपितों ने पुलिस से बचने की भरपूर कोशिश की। युवती से एमपी आनलाइन के खाते में रुपये जमा करवाए गए ताकि पुलिस उन तक न पहुंच सके। कैश भी एमपी आनलाइन द्वारा किया गया। डीसीपी के मुताबिक इसके पूर्व भी एमपी आनलाइन के खातों का दुरुपयोग हुआ है। पुलिस ने करीब दो हजार सेंटर संचालकों को बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है।
ठग को फर्जी सिमकार्ड बेचने वाला गिरफ्तार
क्राइम ब्रांच ने एक सिमकार्ड विक्रेता को गिरफ्तार किया है, जो धोखाधड़ी के आरोपितों को फर्जी सिमकार्ड सप्लाई कर रहा था। डीसीपी के मुताबिक आरोपित ने पिछले दिनों फर्जी काल सेंटर व एडवाइजरी संचालकों को सिमकार्ड बेचे थे। आरोपित ने शाजापुर के उन लोगों के नाम से सिमकार्ड जारी करवा लिए, जिन्होंने उससे सिमकार्ड खरीदे थे। आरोपित को पूर्व में भी एसटीएफ गिरफ्तार कर चुकी है।
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