इंदौर। बुधवार को मेट्रो कोच पहली बार गांधी नगर डिपो से वायडक्ट चले और मेट्रो के प्लेटफार्म पर पहुंचे। मेट्रो कोच बुधवार को 2 बजे मेट्रो डिपो से रवाना हुए और पहली बार रैम्प व वायडक्ट पर पहुंचे। इस दौरान कोच की फिटनेस व ट्रेक की फिटनेस परीक्षण भी हुआ। 8 से 9 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलते हुए करीब 1200 मीटर की दूरी को तय कर मेट्रो कोच छह मिनट में गांधी नगर स्टेशन तक पहुंचे।
मेट्रो के इंजीनियर व मजदूरों ने किया स्वागत
जैसे ही कोच प्लेटफार्म पर पहुंचे मेट्रो के इंजीनियर व स्टेशन का निर्माण कर रहे मजदूरों ने तालियां बजाकर स्वागत किया। 100 से ज्यादा मजदूर मेट्रो को देखकर इस बात से खुश थे कि उनकी मेहनत के द्वारा बने इस स्टेशन पर बुधवार को मेट्रो खड़ी थी। गांधी नगर स्टेशन से सुपर कारिडोर स्टेशन नंबर 3 तक ट्रायल रन के 5.9 किलोमीटर के हिस्से में मेट्रो कोच चलाया गया। हर प्लेटफार्म पर काेच के पहुंचने पर उसके गेट की मार्किंग व प्लेटफार्म से दूरी का आंकलन किया गया।
यह सशक्त और तेजी से विकसित होते मध्यप्रदेश की तस्वीर है।#MetroInMP https://t.co/WodPOUNHI9
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) September 13, 2023
मंगलवार को ट्रायल रन के रुट पर मेट्रो की जिस थर्ड रेल की पटरी से विद्युत मिलनी थी उसे चार्ज कर कर दिया गया गया था। मेट्रो कोच गांधी नगर स्टेशन से 5.9 किलोमीटर की दूर बने सुपर कारिडोर स्टेशन नंबर 3 पर 10 से 11 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलते हुए 20 से 25 मिनट में पहुंचे। इस दौरान ट्रायल रन के सभी पांचो स्टेशन पर भी रुके।
स्टेब्लिंग यार्ड में स्ट्रीचर से दिया कोच को विद्युत
मेट्रो डिपो के स्टेब्लिंग यार्ड में जहां कोच की टेस्टिंग होती है। वहां पर ओवर हेड थर्ड रेल है। इसमें मौजूद 750 डीसी वोल्ट को तारों से जुड़े स्ट्रीचर के माध्यम से कोच को करंट देकर यार्ड के बाहर कोच को विद्युत प्रवाह करने वाली थर्ड रेल तक ले जाया जाता है। यार्ड से बाहर थर्ड रेल की पटरी से जुड़कर ही कोच वायडक्ट व प्लेटफार्म पर निर्बाध तरीके से पहुंचते है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.