यह राजनीतिक कार्यक्रम नहीं बल्कि भावनात्मक कार्यक्रम है, शहीद परिवार निधि समारोह में बोले सीएम भगवंत मान
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान आज ‘पंजाब केसरी’ समूह द्वारा आयोजित 118वें शहीद परिवार फंड समारोह में विशेष रूप से शामिल हुए। इस मौके पर भगवंत मान ने अपने संबोधन में कहा कि आज का यह कार्यक्रम कोई राजनीतिक कार्यक्रम या शक्ति कार्यक्रम नहीं है बल्कि यह एक भावनात्मक कार्यक्रम है। यह आयोजन कई वर्षों से ‘पंजाब केसरी’ द्वारा आयोजित किया जाता रहा है। साल 1988 के काले दिनों को याद करते हुए भगवंत मान ने कहा कि जब मैं छोटा था तो मालवा में काले दिन थे। उस समय मैं 8वीं या 9वीं का छात्र था। उस समय से मैं अखबार में नाम के साथ 1100 जैसा अंक लिखा हुआ पढ़ता था, उस समय मुझे कुछ भी पता नहीं था। बाद में मुझे पता चला कि यह मानवता की सेवा का बहुत बड़ा काम है।’
काले दौर में पंजाब को बहुत नुकसान हुआ
भगवंत मान ने कहा कि काले दौर में पंजाब को बहुत नुकसान हुआ। चाहे आर्थिक रूप से हो, चाहे शारीरिक मृत्यु के मामले में हो या औद्योगिक रूप से, सभी पहलुओं में भारी नुकसान हुआ। अनेक प्रतिभाशाली युवक गोलियों के शिकार हुए। पंजाब में ऐसे कार्यक्रम कम ही देखने को मिलते हैं, जहां सभी पार्टियों के प्रतिनिधि एक साथ एक मंच पर बैठते हों, जो आलोचक होते हैं वे हमारे मित्र होते हैं, जो हमें कई कमियां बताते हैं।
चोपड़ा परिवार से बहुत प्यार है- मान
उन्होंने कहा कि मुझे श्री विजय चोपड़ा के परिवार से बहुत प्यार है। जब मैं सांसद रहते हुए श्री अविनाश चोपड़ा जी को फोन करता था और पूछता था कि सर मैं आज पंजाब के इस मुद्दे पर संसद में बोलना चाहता हूं तो मुझे बहुत अच्छा मार्गदर्शन मिलता था। उन्होंने कहा कि पीढ़ी दर पीढ़ी मानवता की सेवा करना सीखना हो तो इस परिवार से सीखा जा सकता है। भगवंत मान ने कहा कि आज के युग में इंसान ही इंसान का दुश्मन बन गया है। भगवंत मान ने कहा कि अब सांपों को टोकरी में डाल दिया है कि अब तुम्हारी जरूरत नहीं, इंसान ही काफी हैं इंसान को काटने के लिए।
हम हर दिन मानवता को मरते हुए देखते हैं। संपत्ति के लिए आए दिन भाई को भाई ही मार रहा है, जबकि सब कुछ यहीं रहना है। उन्होंने कहा कि अगर कोई मदद मिलेगी तो ही साथ चलेंगे. कई लोग यहां से खाली हाथ गए हैं।’ उन्होंने कहा कि हम कोशिश कर रहे हैं कि बच्चों को खेलों के प्रति प्रोत्साहित किया जाए और बच्चे पंजाब में नौकरी कर सकें।आइए पंजाब में बड़े कौशल विकास केंद्र खोलें। उन्होंने कहा कि पंजाब में पी.एस.सी हमारे बेटे-बेटियां यहां बड़े अधिकारी बन सकें, इसके लिए 8 केंद्र खोले जा रहे हैं।
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