ग्वालियर। सुबह सुबह ठंडी हवाओं के साथ आसमान में बादलों की छटा ने लोगों के चेहरे पर खुशी ला दी और बारिश की फुआर ने गर्मी से राहत दी। दिन चढ़ा तो बादल आसमान से छंटते चले गए। गर्मी दस्तक देती उससे पहले दोपहर में फिर आसमान में बादल दिखाई देने लगे। दोपहर बाद आसमान में उमड़-घुमड़ के साथ चार बजे से शहर में रिमझिम बारिश होने लगी।
झमाझम बारिश से खेत तालाब हुए लबा-लब
देहात में झमाझम बारिश हुई जिससे खेत, तलाब लबा-लब हो गए। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में हवाओं का सिस्टम बनने से हिमालय की तराई से मानसून अक्ष वापस अपने स्थान पर लौट आई है। पिछले चार दिन से बारिश हो रही है, जिससे तापमान में कमी आ रही है। यह बारिश 15 सितंबर तक रहने वाली है। इस मौसम में होने वाली औसत बारिश से कहीं अधिक बारिश कराने की संभावना जता रहे है। हालांकि अभी औसत बारिश से 32.9 एमएम कम है। जिले में 8 सितंबर तक औसत बारिश 616 दर्ज की जानी चाहिए थी। लेकिन अबतक महज 583.1 एमएम बारिश ही हो सकी है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 30.4 डिग्री रहा और न्यूनतम तापमान 24.5 डिग्री दर्ज किया गया है। रात साढ़े 8 बजे तक 10.7 एमएम बारिश दर्ज की गई थी और हवा में नमी 89 फीसद दर्ज की गई, जबकि हवा की रफ्तार सामान्य रही।
वर्षा होने मिल जाएगी बीमारी से राहत
अवर्षा से वातावरण में गर्मी बढ़ गई थी। तेज धूप के कारण संक्रमण तेजी से फेल रहा था। इससे वायरल संक्रमण के साथ अन्य मौसमी बीमारियां तेजी से फैल रही थी। अस्पतालों में डेंगू, मलेरिया , पीलिया,टाइफाइड के मरीज तेजी से बढ़ रहे थे। बच्चे सर्दी,जुकाम, खांसी,उल्टी,दस्त के शिकार बनकर भर्ती हो रहे थे। अब इन पर थोड़ा अंकुश लगेगा। मेडिसिन के डा अर्चना अग्रवाल का कहना है कि बारिश से तापमान कम हुआ और वातावरण में ठंडक आ चुकी है। इससे उमस भरी गर्मी से राहत मिली और पसीना पसीना होने से जो शरीर में पानी की कमी आ रही थी उससे होने वाली बीमारियों में कमी आएगी। हालांकि बारिश के बाद होने वाले जल भराव से मच्छर जनित बीमारियां फैलने का अंदेशा है जिसके लिए लोगों को सावधानी रखने की आवश्यकता होगी।
ग्वालियर-चंबल अंचल में हुई बारिश,फसलों को मिली राहत
शुक्रवार की बारिश पूरे ग्वालियर चंबल अंचल में हुई। ग्वालियर के साथ दतिया,भिंड,मुरैना, शिवपुरी सहित सभी जिलों में दर्ज की गई। किसी स्थान पर हल्की तो कहीं अधिक हुई। मौसम वैज्ञानिक हुकुम सिंह का कहना है कि अगले एक सप्ताह पूरे अंचल में रिमझिम या तेज बारिश रहेगी। क्योंकि पूरे सप्ताह बंगाल की खाड़ी में हवाओं का सिस्टम बना हुआ है जिससे तापमान अभी नीचे गिरेगा।मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि 15 सितंबर के आगे भी इसी तरह की बारिश रह सकती है क्योंकि आगे भी बंगाल की खाड़ी में हवाओं का सिस्टम बनने का अनुमान लगाया जा रहा है। कृषि वैज्ञानिक डा राज सिंह कुशवाह का कहना है कि इस बारिश से खरीफ खेत में खाड़ी फसलों को राहत मिली है। तापमान गिरने से धान की फसल को जो नुकसान होने वाला था उसमें कमी आएगी। इसी तरह से तिली,बाजरा, ज्वार आदि की फसलों में नुकसान कम होगा और औसत बारिश से अधिक वर्षा हुई तो रबी की फसलों काे लाभ पहुंचेगा।
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