भारतीय ज्योतिष में सूर्य देव को नवग्रहों में राजा का दर्जा प्राप्त है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, सूर्य देव 17 सितंबर 2023 को बुध की राशि कन्या में प्रवेश करेंगे, जिसका देश और दुनिया पर अलग-अलग असर हो सकता है।
पिता, शक्ति और अधिकार के कारक ग्रह हैं सूर्यदेव
वैदिक ज्योतिष में सूर्य देव को पिता, सरकार, शक्ति, अधिकार आदि का कारक ग्रह माना गया है। सूर्य देव जीवन की ऊर्जा, शक्ति, प्रतिरोधक क्षमता, जीवन में आ रही बुरी परिस्थितियों के साथ-साथ रोगों से लड़ने की शक्ति देते हैं। यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्यदेव की स्थिति मजबूत होती है तो ऐसे व्यक्ति तेज बुद्धि, समृद्धि, सौभाग्य, धन, उच्च इच्छाएं वाले होते हैं।
सूर्य का कन्या राशि में गोचर कब
हिंदू पंचांग के मुताबिक, सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशि में 1 माह में परिवर्तन करते हैं। सूर्य देव फिलहाल सिंह राशि में विराजमान है और 17 सितंबर 2023 की सुबह 07.11 मिनट पर कन्या राशि में गोचर करेंगे।
कन्या राशि में सूर्य की स्थिति का प्रभाव
- कन्या राशि में सूर्य होने पर जिन जातकों का जन्म होता है, ऐसे लोगों अपने करियर में लेखक भी बन सकते हैं। ज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी होते हैं।
- कन्या राशि वाले लोगों को सरकार में बड़ा पद मिल सकता है। नीति निर्माण का काम भी कर सकते हैं। जनता का पूरा समर्थन मिलेगा।
- लेखन, मीडिया, पत्रकारों को फायदा हो सकता है क्योंकि कन्या राशि में सूर्य की मौजूदगी इन पेशों के लिए अच्छी मानी जाती है। पत्रकारिता, पीआर आदि से जुड़े क्षेत्र में तेजी देखी जा सकती है।
डिसक्लेमर
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