ग्वालियर । मतदान का अधिकार होने के बाद भी मतदाता वोट क्यों नहीं डाल पाते और वोटिंग प्रतिशत कम क्यों रह जाता है,हर बार की तरह इस बार कागजी कवायद से ज्यादा मैदानी कारणों को ढूंढने पर फोकस किया गया है। इसी कारण प्रशासन ने विश्लेषण भी कराया है और रिपोर्ट तैयार की है।
अलग-अलग आयुवर्ग के लोगों को लेकर कारण तलाशे गए तो यही सामने आया कि किसी को मतदाता बनने के अधिकार के बारे में ही नहीं पता तो कोई अपनी रोजी रोटी के कारण मतदान नहीं कर पाता। मतदान के लिए अवकाश घोषित होने के बाद भी अवकाश नहीं मिलता।
महिला वर्ग घर की जिम्मेदारियों के चलते वोटिंग को प्राथमिकता नहीं दे पातीं और मतदान से वंचित रह जाती हैं। कम मतदान के साथ साथ प्रशासन ने अलग अलग बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट पेश की है। ऐसे कई आंकड़ों को मंगलवार को भोपाल में भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष भी दिखाया गया।
क्यों और कौन मतदान नहीं कर पाता
18-19 आयु वर्ग- इनरोलमेंट गैप और सूचना की कमी
20-19 आयु वर्ग- यह डेली वेजर्स हैं जिन्हें अवकाश नहीं मिलता
महिला वर्ग- इनरोलमेंट गैप और घर की जिम्मेदारी प्राथमिकता पर
दिव्यांग – एक्ससेसबिलिटी के कारण
बुजुर्ग – मोबिलिटी में परेशानी
थर्ड जेंडर- सामाजिक कलंक के कारण
आंकड़े एक नजर में: 31 अगस्त 2023 की स्थिति
कुल मतदाता- 1601417
पुरूष मतदाता-850022
महिला मतदाता-751331
थर्ड जेंडर-64
ओवरसीज मतदाता-11
दिव्यांग मतदाता-10704
80 प्लस मतदाता-21180
सर्विस मतदाता-4748
इस बार कुल एक हजार वाहन मांगे
इस बार विधानसभा चुनाव में कुल एक हजार वाहनों की मांग की गई है पोल डयूटीके लिए 800 वाहन, सीएपीएऊ 31, आफिशियल उपयोग के लिए 169 वाहन की जरूरत है। इस तरह कुल वाहन एक हजार रहेंगे। वहीं उपलब्धता वाहनों की ज्यादा है।
पिछले विस चुनाव में जमा हुए थे 29011 लाइसेंस
पिछले विधानसभा चुनाव में 29011 हथियार लाइसेंस जमा किए गए थे। इस बार लाइसेंस की संख्या 36 हजार के लगभग पहुंच गई है। हथियार लाइसेंस जमा कराना इस बार भी बड़ा टास्क होगा।
मतदान केंद्रों पर कच्चे-पक्के टायलेट की भी रिपोर्ट बनाई
जिला प्रशासन ने मतदान केंद्रों पर कच्चे और पक्के टायलेट को लेकर भी स्थिति बताती हुई रिपोर्ट तैयार की है। इसमें कितने मतदान केंद्रों में नल का पानी से लेकर स्टोर पानी सभी बिंदु शामिल किए गए हैं।
इस बार महिलाएं और दिव्यांग भी संभालेंगे व्यवस्था
इस बार विधानसभा चुनाव में 36 केंद्रों पर महिला अधिकारी कर्मचारी व्यवस्था संभालेंगे और इसके साथ ही 12 केंद्रों पर जिम्मा दिव्यांग स्टाफ को दिया जाएगा। कुल 60 केंद्र माडल मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.