लालू से सियासी चर्चा करने राबड़ी के घर पहुंचे नीतीश, I.N.D.I.A की बैठक के बाद सीट शेयरिंग पर किया ये खुलासा
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को अचानक ही राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मुलाकात करने के लिए घर पहुंच गए।पटना स्थित पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर दोनों की मुलाकात और चर्चा हुई। इस दौरान उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी मौजूद थे।
बता दें कि बीते गुरुवार और शुक्रवार को मुंबई में आईएनडीआईए की बैठक हुई थी। इसमें दोनों ही नेताओं ने शिरकत की थी।
मुंबई से लौटने के बाद घर पर हुई नीतीश और लालू की इस मुलाकात की सियासी गलियारों में कई मायने निकाले जा रहे हैं।
इससे पहले शनिवार सुबह मंत्री सुमित कुमार सिंह के आवास पर भी नीतीश कुमार गए थे। उनके साथ मंत्री अशोक चौधरी भी थे।
सीट शेयरिंग पर इसी महीने पूरा हो जाएगा काम : नीतीश
इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि लोकसभा चुनाव को ले आईएनडीआईए की सीट शेयरिंग का काम इसी महीने (सितंबर) पूरा हो जाएगा।
हमने कहा है कि हम इसी महीने सब काम करना चाहते हैं। सीट शेयरिंग को लेकर किसी तरह की कोई समस्या नहीं है।
राजधानी में आयोजित एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम से लौटने के क्रम में संवाददाताओं से बातचीत के क्रम में उन्होंने यह बात कही।
पांच तरह के कामों पर बनी सहमति
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई में आईएनडीआईए की बैठक काफी अच्छी हुई है। बहुत जल्दी आपस में बैठकर हम लोग चुनाव से जुड़ी बातों को तय कर लेंगे। पांच तरह के काम पर सहमति बनी है।
इस क्रम में दो अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर आईएनडीआईए की ओर से देशभर में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। एकजुट होकर हमलोग आगे बढ़ेंगे।
वन नेशन, वन इलेक्शन के सवाल पर नीतीश बोले- हमें डाउट है…
वन नेशन वन इलेक्शन पर केंद्र की कवायद के संबंध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत अच्छा है। पहले यह होता था। उन्होंने कहा कि इसके पहले यह तो बताएं कि जनगणना क्यों नहीं कराई?
विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराए जाने पर विस्तार से जब उनकी प्रतिक्रिया मांगी गई तो मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके बारे में जब प्रस्ताव आएगा तब संसद में पार्टी की तरफ से अपनी बात रखी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर हमला बोलते हुए पुन: दोहराया कि हमें यह शक है कि लोकसभा का चुनाव समय से पहले कराया जा सकता है। केंद्र सरकार बहुत ज्यादा घबराहट में है।
बच्चों को पढ़ाना ही चाहता है न? इसमें बुराई क्या है?
शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों की छुट्टियां कम किए जाने के संबंध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को पढ़ाना ही चाहता है न? इसमें बुराई क्या है?
अगर किसी को कुछ लगता है तो वह आकर मुझे अपनी बात बताए। हम तो सभी की सुनेंगे। वह चाहते हैं कि बच्चे-बच्चियों की पढ़ाई ठीक ढंग से हो।
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