छह साल से एक ही जगह पर जमे हैं सौ से अधिक पुलिसकर्मी, तबादले में गड़बड़ी की पुलिस मुख्यालय पहुंची शिकायत
पुलिस मुख्यालय तक पहुंची शिकायत के मुताबिक सुकमा जिलें में पदस्थ कई पुलिसकर्मियों को बीजापुर तो बीजापुर में पदस्थ को दंतेवाड़ा-सुकमा, कोंडागांव वाले को नारायणपुर जिले में नयी पदस्थपना की गई है। ये पूरे जिले बस्तर रेंज में आते है, यानि एक जिले से हटाकर आसपास के जिले में ही थोक में पुलिस कर्मियों की पदस्थापना कर दी गई।
जानकारों का कहना है कि नियमानुसार तीन साल से अधिक समय से एक ही जगह पर पदस्थ पुलिसकर्मियों को दूसरे रेंज के मैदानी क्षेत्र में पदस्थाना करना था। यहीं स्थिति सरगुजा, बिलासपुर, रायपुर रेंज, दुर्ग में किए गए तबादलों का है। मनमाने तरीके से की गई पदस्थापना को लेकर पुलिस परिवार में काफी आक्रोश है। परिवार के लोग पूर्व में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर चुके है।कहा जा रहा है कि तबादले में गड़बड़ी को लेकर पुलिस परिवार प्रदर्शन करने की रणनीति तैयार कर रहा है।
140 टीआई, एसआई छह साल से एक रेंज में
जानकारी के मुताबिक सुकमा जिले में छह साल पहले एक सब इंस्पेक्टर की पदस्थापना हुई थी। मैदानी क्षेत्र में तबादले का आवेदन देने के बाद भी बस्तर में ही उनकी पदस्थापना कर दी गई। ऐसे करीब 85 सब इंस्पेक्टर और 55 से ज्यादा निरीक्षक की पदस्थापना बस्तर रेंज में की गई है। इनमें से अधिकांश ने कई बार पुलिस मुख्यालय में मैदानी क्षेत्र में पदस्थापना करने आवेदन दिया था पर उसे नजर अंदाज कर दिया गया। यहीं नहीं बस्तर रेंज 50 सब इंस्पेक्टर, 45 निरीक्षक,12 डीएसपी और एडिशनल एसपी को तीन साल से अधिक समय से एक जिले में पदस्थ है।
जुगाड़ के दम पर शहर में जमे हैं कई अधिकारी
पुलिस परिवार के लोगों का आरोप है कि जुगाड़ के दम पर कई सब इंस्पेक्टर, निरीक्षक, डीएसपी और एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी पांच से दस साल की अपनी नौकरी के दौरान सरगुजा, बस्तर रेंज में कभी नहीं गए हैं।अगर पदस्थापना होती भी है तो अटैचमेंट में रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर जिलों में ही समय गुजार लेते है, जबकि पुलिस एक्ट के अनुसार कम से कम तीन साल सभी को नक्सल क्षेत्र में नौकरी करना है।
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