ध्यान योग एक प्राचीन आध्यात्मिक अभ्यास है, जिसे आज भी लोग अपने जीवन में अपनाते हैं ताकि वे शांति और सुख की ओर अग्रसर कर सकें। ध्यान करने से न केवल आपका मानसिक स्वास्थ्य सुधरता है, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य भी सुधरता है। आर्ट ऑफ़ लिविंग प्रशिक्षक और मेडिटेशन एक्सपर्ट ऋतुराज असाटी इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
- सुखद और शांत वातावरण: ध्यान के लिए एक ऐसा स्थान चुनें जो शांत और सुखद हो, जैसे कि एक ध्यान कक्ष या अपने घर का एक कोना।
- नियमितता: ध्यान को नियमित रूप से करें, यानी हर दिन एक निश्चित समय पर।
- सही आसन: ध्यान के लिए सुखद और स्थिर आसन चुनें, जैसे कि पद्मासन, सुखासन, या वज्रासन।
- सांस का ध्यान: अपने दिल के साथ सांस की गति को ध्यान में लें। ध्यान की प्रक्रिया के दौरान, धीरे-धीरे अपने श्वास को गहराई से अनुभव करें।
- मंत्र जाप: कुछ लोग मंत्र जाप करके ध्यान को अधिक प्रभावकारी बनाते हैं। एक पॉजिटिव मंत्र का जाप करने से मन की शांति मिलती है।
- मन को खाली रखें: अपने मन को खाली और शांत रखने के लिए कोई चिंता, स्ट्रेस, या विचारों को छोड़ दें।
- धैर्य और समर्पण: ध्यान के दौरान सब्र और समर्पण बनाए रखें। प्रारंभ में ध्यान में बहुत बार विचारों का आना-जाना हो सकता है, लेकिन धीरे-धीरे आपका मन शांत होगा।
- अभ्यास: ध्यान एक प्रक्रिया है, इसे नियमित रूप से अभ्यास करें ताकि आपका ध्यान कौशल बढ़ सके।
- ध्यान के इन सुझावों का पालन करके, आप अपने जीवन में शांति, स्वास्थ्य, और सुख की ओर बढ़ सकते हैं। ध्यान को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने से आपका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य सुधरेगा, और आप अपने जीवन को एक नई दिशा में ले जा सकेंगे।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’
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