गैपरा प्राइमरी स्कूल में पदस्थ शिक्षक दिनेश रावत पुत्र कलुआराम रावत सालों से सबलगढ़ में दीवान पैलेसे के सामने किराए के मकान में रह रहा है। शिक्षक दिनेश रावत ने पड़ोस में ही रहने वाले सतेंद्र पुत्र रघुनंदन शर्मा को अपने प्रभावभरी बातों में फंसा लिया। पढ़े-लिखे बेरोजगार सतेंद्र शर्मा को मुरैना नगर निगम में सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा दिया। शिक्षक दिनेश ने खुद की पहुंच नगर निगम के बड़े अफसरों तक बताई।
शिक्षक की बातों में आकर सतेंद्र ने बड़े भाई बिंदु शर्मा से तीन लाख रुपये उधार लेकर 10 नवंबर 2019 को शिक्षक दिनेश रावत को दे दिए। उसके बाद न तो सतेंद्र की नौकरी लगी, ना हीं शिक्षक ने रुपये वापिस लौटाए। शिक्षक ने फर्जीवाड़ा करते हुए किसी सुमेर शाक्य के नाम का चेक भी सतेंद्र को दिया, लेकिन वह बाउंस हो गया। सतेंद्र की शिकायत पर शिक्षक दिनेश रावत पर धारा 420 के तहत केस दर्ज किया है।
रिकार्डिंग वाली पेन ड्राइव थाने से गायब
साल 2020 से सतेंद्र थाने से लेकर मुख्यमंत्री तक को आवेदन देकर शिकायत कर चुका था, लेकिन एफआइआर नहीं हुई। सबलगढ़ एसडीओपी तक अपनी जांच में शिक्षक को धोखाधड़ी का दोषी बता चुके हैं। मुख्यमंत्री आवास के अवर सचिव महेश तेजस्वी भी एफआइआर के लिए मुरैना पुलिस को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन सबलगढ़ थाने में शिक्षक पर केस दर्ज नहीं हुआ। हालत यह रहीकि आवेदन के साथ सतेंद्र शर्मा ने एक पेनड्राइव भी जांच कर रहे एएसआइ राजेंद्र विमल को दी, जिसे थाने से गायब कर दिया। इस पेनड्राइव में शिक्षक द्वारा रुपये लेने व रुपये लौटाने की बातचीत की 27 रिकार्डिंग थीं।
मुझ पर करवाया फर्जी केस
रुपये मैंने नहीं लिए, बल्कि विजयपुर के आरोदा गांव के सुमेर शाक्य ने लिए हैं। यह बस कुछ बेरई गांव का बिंदु शर्मा करवा रहा है, उसने मुझ पर फर्जी केस करवाया है। मेरा एक भाई काेरोना में मर गया, अब मुझे मार देंगें, इससे ज्यादा क्या होगा? धोखाधड़ी की एफआइआर मुझ पर हो गई है, अब मुझे फांसी चढ़वा दें।
दिनेश रावत, आरोपित शिक्षक
मैंने वापस कर दी होगी पेनड्राइव
सतेंद्र शर्मा ने आवेदन व पेनड्राइव दी थी। मैंने पेनड्राइव उन्हें ही वापिस कर दी होगी। मेरे पास वह नहीं है और मैं पेनड्राइव को रखकर करता भी क्या? यह पेनड्राइव आवेदन के पास ही होगी।
राजेंद्र विमल, एएसआइ, सबलगढ़ थाना
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