उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान ने इतिहास से सबक नहीं सीखा और आज उसकी दुर्गति किसी से छिपी नहीं है। विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर देश के बंटवारे के दौरान हुई हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद उन्होंने यह बात कही। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को यहां इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में विभाजन विभीषिका दिवस के अवसर पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ‘कुछ लोगों ने अपने स्वार्थ को राष्ट्र से ऊपर रखकर इस देश को विभाजन की त्रासदी की ओर धकेला था।’
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यह केवल राजनीतिक या जमीन के टुकड़ों का विभाजन नहीं था, बल्कि दिलों के विभाजन का एक त्रासदीपूर्ण निर्णय था, जिसकी कीमत आज के ही दिन 1947 में लाखों लोगों को चुकानी पड़ी थी। भारत और पाकिस्तान के विभाजन की त्रासदी पर विस्तार से चर्चा करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘विभाजन की विभीषिका को झेलते हुए भी 140 करोड़ की आबादी वाला भारत जाति, मत, मजहब, उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम के भेद को समाप्त करते हुए, ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के संदेश के साथ आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने इतिहास से सबक नहीं सीखा और आज उसकी दुर्गति किसी से छिपी नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अखंड भारत की सबसे अधिक उर्वर भूमि पाकिस्तान में है, फिर भी वहां आटे के लिए मारामारी हो रही है। योगी ने कहा कि आश्चर्य होता है कि जब 1947 में देश का विभाजन हो चुका है, तो फिर पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत में आज भी घुसपैठ क्यों हो रही है? उन्होंने कहा कि अगर उनको पाकिस्तान ही प्यारा था तो उन्हें उस पाकिस्तान की समृद्धि और मानवता के कल्याण के लिए वहीं से नया संदेश पूरी दुनिया को देना चाहिए था।
मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश की मुक्ति का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ‘जो लोग सोचते हैं कि मजहब के आधार पर वे सुरक्षित हो जाएंगे, तो पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान भी एक ही मजहब वाले थे। पूर्वी पाकिस्तान में पश्चिमी पाकिस्तान ने कितना अत्याचार किया था, यह किसी से छिपा नहीं है।’ इस अवसर पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर, लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल सहित पंजाबी एवं सिंधी समाज से जुड़े लोग मौजूद रहे।
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