उमरिया। अक्टूबर से शुरू होने वाले पर्यटन सत्र में बांधवगढ़ में बाघ देखना महंगा हो सकता है। दरअसल जिप्सी संचालक और गाइड एसोसिएशन ने शुल्क बढ़ाने का एक प्रस्ताव पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ मध्य प्रदेश को भेजा है। दूसरे टाइगर रिजर्व के जिप्सी संचालक और गाइड एसोसिएशन से भी यहां के चालक संघ की चर्चा हुई है। अन्य स्थानों से भी इसी तरह के प्रस्ताव भेजे जाने की जानकारी सामने आई है।
यह है पूरा प्रस्ताव
जिप्सी का शुल्क एक हजार रुपये और गाइड का शुल्क 100 रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। यदि यह प्रस्ताव स्वीकार होता है तो जिप्सी का शुल्क तीन हजार से बढ़कर चार हजार रुपये हो जाएगा। जी-वन गाइड का शुल्क 600 से बढ़कर 700 रुपये और जी-टू गाइड का शुल्क 480 से बढ़कर 600 रुपये हो जाएगा।
शुल्क बढ़ा तो यह होगा असर
बांधवगढ़ के बफर में अभी सफारी करने में सामान्य दिनों में 4730 रुपये शुल्क है, जबकि सीजन में भीड़ बढ़ने यानी प्रीमियम डे पर भारतीयों को 6530 रुपये और विदेशी पर्यटकों को 9580 रुपये शुल्क देना होता है। शुल्क बढ़ोत्तरी के बाद भारतीय पर्यटकों को बफर में 5850 रुपये और प्रीमियम डे पर भारतीयों के लिए 7650 और विदेशियों के लिए 10 हजार 700 रुपये हो जाएगा। -कोर में नार्मल डे पर 6050 रुपये का भुगतान करना पड़ रहा है, जबकि प्रीमियम डे पर भारतीयों को 6650 और विदेशी पर्यटकों को 9700 रुपये देने पड़ रहे हैं। शुल्क बढ़ने के बाद नार्मल डे में पर्यटकों को 7150 रुपये, जबकि प्रीमियम डे पर भारतीय पर्यटकों को 7150 रुपये का भुगतान करना होगा। विदेशी पर्यटकों को 11700 रुपये खर्च करना होगा।
बढ़े विरोध के स्वर
होटल संचालकों ने शुल्क वृद्धि के प्रस्ताव का विरोध शुरू कर दिया है। होटल संचालकों को यह लग रहा है कि जिप्सी और गाइड शुल्क बढ़ने से पर्यटन पर असर होगा और इससे उनका कारोबार प्रभावित हो जाएगा। जबकि जिप्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक शुक्ला का कहना है कि जिप्सी और गाइड का शुल्क बढ़ाया जाना जरूरी है। पेट्रोल काफी महंगा हो गया है और कम शुल्क के कारण बचत नहीं पा रही है।
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