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बीमारी का खुद इलाज न करेंविशेषज्ञ की सलाह लें

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ग्वालियर। किसी भी बीमारी में सुनी सुनाई बातों के आधार पर दवा का सेवन न करें और न हीं किसी भी पद्धति से उपचार लें। अन्यथा इसके गंभीर दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

डा अशोक मिश्रा, वरिष्ठ चिकित्सक के मुताबिक असल में काफी लोग सेल्फ मेडिकेशन (स्व-दवा सेवन ) यानी बिना चिकित्सकीय सलाह के दवा का प्रयोग व उपचार करते हैं। अपनी मर्ज़ी से, किसी दोस्त, पड़ोसी या विज्ञापन अथवा मित्रों या रिश्तेदारों के चिकित्सक के पर्चों या अन्य स्रोत से प्राप्त जानकारी के आधार पर (जिसमें गूगल भी शामिल है ) बीमारी का उपचार करना गलत है। सेल्फ मेडिकेशन आजकल समाज में व्याप्त एक गंभीर जनस्वास्थ्य समस्या है। हमारे शहर में भी यह काफी प्रचलित है। कुछ लोग चिकित्सक के पास जाने में लगने वाला समय तथा चिकित्सक की फ़ीस बचाने के लिए सेल्फ मेडिकेशन करते हैं, जो कभी भी उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। कई लोग मेडिकल स्टोर से अपने लक्षण के आधार पर दवा ले लेते हैं, लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि मेडिकल स्टोर वाला व्यक्ति चिकित्सक नहीं है, इसलिए उसे दवा का सही डोज़, कौन सी दवा कब कितनी मात्रा में लेनी है, कितनी बार लेनी है, कैसे लेनी है, दवा के दुष्प्रभाव क्या हैं,अन्य दवाओं के साथ इंटरएक्शन क्या है ये कुछ भी पता नहीं होता। इसलिए ‘अधूरा ज्ञान जान के लिए खतरा साबित हो सकता है। कई मेडिकल स्टोर वाले शिथिल औषधि विनियमन की वजह से एवं मरीजों के दवाओं के सम्बन्ध में अज्ञान या अल्पज्ञान का लाभ उठाकर अपने फायदे के लिये कम गुणवत्ता की दवाए दे देते है ,जिसका ख़ामियाज़ा मरीज़ को भुगतना पड़ता है।सेल्फ मेडिकेशन की वजह से उपचार में अनावश्यक विलम्ब से बीमारी गम्भीर रूप ले सकती है ,ग़लत उपचार व अनावश्यक दवाओं के सेवन से किडनी व लिवर आदि महत्वपूर्ण अंग खराब हो सकते हैं ।अनावश्यक दवाओं से रोग पैदा करने वाले जीवाणुओं-विषाणुओं में दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता भी पैदा हो सकती है ,जिससे भविष्य में उपचार में समस्या पैदा हो सकती है तथा मरीज को गम्भीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

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