Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
मंदिर में शिल्पा शेट्टी के फोटो खिंचवाने पर बवाल, सेवादार और एक अधिकारी को नोटिस बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में ₹101 करोड़ जारी… दिवाली पर CM नीतीश कुमार की बड़ी सौगात एनसीआर में मेथ लैब का भंडाफोड़, तिहाड़ जेल वार्डन, मैक्सिकन नागरिक सहित 5 गिरफ्तार दिल्ली में आयुष्मान से बेहतर फरिश्ता, बम से उड़ाने की धमकी पर केंद्र चुप क्यों… AAP का BJP पर हमला गाजीपुर: 65 साल के बुजुर्ग ने लगाई जीत की झड़ी, सेना के पूर्व कैप्टन ने जमाया 9 मेडल पर कब्जा हिजबुल्लाह का नया चीफ बना नईम कासिम, नसरल्लाह की लेगा जगह, दोनों कर चुके हैं साथ काम चमड़े के बैग पर ट्रोल हो रही थीं जया किशोरी, अब खुद दिया ये जवाब जेपीसी की बैठक में क्या हुआ था, जिसके बाद हुई झड़प…कल्याण बनर्जी ने बताई पूरी घटना यूपी उपचुनाव: साइलेंट प्लेयर की भूमिका में कांग्रेस, सपा के लिए सियासी नफा या फिर नुकसान राजस्थान: पुलिया से टकराई बस, 11 लोगों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

फर्जी हस्ताक्षर से बैंक से लिया 28 लाख का लोन एक महिला सहित दो आरोपित गिरफ्तार

6

बुरहानपुर/धाबा। कलेक्टर के फर्जी हस्ताक्षर कर अधिसूचित क्षेत्र की अनुमति बनाने और उसके आधार पर एयू बैंक से 28 लाख रुपये का ऋण लेने के मामले में पुलिस ने एक महिला सहित दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है।

इनमें बैंक का कर्मचारी बंडू पुत्र सहदेव कामले निवासी शिवाजी नगर लालबाग और बैंक में जमीन बंधक रखकर ऋण लेने वाली सीमा पत्नी भगवान शिवहरे निवासी तुकईथड़ खकनार शामिल हैं। फर्जी अनुमति तैयार करने के लिए सील तैयार करने वाला लोकेश निवासी लालबाग फरार हो गया है।

पुलिस उसकी तलाश कर रही है। पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा ने बताया कि बैंक और पंजीयन विभाग से नवंबर से अब तक के ऐसे सभी प्रकरणों की जानकारी मांगी गई है, जिनमें कलेक्टर की अनुमति लगा कर ऋण हासिल किया गया है। पुलिस ने सीमा शिवहरे के बैंक खाते को भी फ्रीज करा दिया है। उन्होंने इस मामले में सेवा प्रदाताओं की किसी भी तरह की भूमिका होने से इनकार किया है। सूत्रों के मुताबिक जांच के दौरान ऐसे और कई मामले सामने आ सकते हैं।

बंडू ने लिए थे बीस हजार रुपये

सीमा शिवहरे ने सितंबर 2022 में तुकईथड़ स्थित अपनी जमीन बैंक में बंधक रख कर ऋण लेने के लिए बैंक से संपर्क किया था। खकनार विकासखंड आदिवासी होने के कारण वहां की प्रत्येक भूमि के क्रय-विक्रय अथवा बंधक रखने के लिए कलेक्टर की अनुमति जरूरी होती है। यह अनुमति नहीं होने के कारण उसका ऋण प्रकरण अटक गया था। बैंक के कर्मचारी बंडू ने सीमा से बीस हजार रुपये लेकर यह अनुमति दिलाने का ठेका कर लिया था।

उसने दूसरी महिला के लिए पूर्व में जारी अनुमति में सीमा का नाम लिख कर और फर्जी सील व साइन करके अनुमति दे दी। बैंक ने इसके आधार पर उसे 28 लाख का ऋण भी दे दिया था। सेवा प्रदाना प्रवीण महाजन को अनुमति संदेहास्पद लगी तो उसने संंबंधित अधिकारी को इसकी सूचना दी। जिसके बाद हुई जांच में फर्जीवाड़े का भांडाफोड़ हो गया।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.