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गो-रक्षा के लिए रामलीला मैदान पर करना था प्रदर्शन, नहीं मिली इजाजत: अविमुक्तेश्वरानंद

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ज्योतिर्मठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि महाकुंभ के दौरान हम चाहते थे कि केंद्र और राज्य सरकारें गायों की रक्षा के लिए कानून बनाएं. उन्होंने कहा कि गाय को माता का दर्जा दिया जाए.

लेकिन, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और कुंभ मेले के आखिरी दिन हमने सरकार को इस पर फैसला लेने के लिए 33 दिन का समय दिया था. हमने उन्हें 33 दिन दिए, जो 33 करोड़ देवताओं का प्रतीक हैं. हर पार्टी का हर नेता गाय के पक्ष में बात करता है, लेकिन क्या वो कभी गोहत्या में होने वाली बढ़त के आंकड़े के बारे में बताते हैं.

केंद्र सरकार ने अनुरोध को रद्द कर दिया

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की अनु टंडन ने कल गुरुग्राम में हमसे मुलाकात की थी. उन्होंने हमें बताया कि उनकी पार्टी इस पर विचार कर रही है. इस बीच, हमने 17 मार्च को रामलीला मैदान में इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया था. हमें दिल्ली पुलिस की अनुमति भी मिल गई थी. हालांकि, केंद्र सरकार ने हमारे अनुरोध को रद्द कर दिया है.

पहले क्या बोले थे?

उन्होंने कहा था कि जनता की मांग पर जनता के पक्ष में आवाज उठाते हुए हम आगे आए हैं. हमने कुंभ से सभी राजनीतिक दलों से प्रश्न पूछा है. सभी राजनीतिक दलों को समय दिया गया था. रामलीला मैदान में शाम 5 बजे तक बैठकर हम औपचारिक रूप से तमाम राजनीतिक दलों की प्रतीक्षा की बात कही थी.

राजनीतिक दल या तो हमें बताएंगे कि वह गो हत्या के पक्ष में है या फिर विरोध में है या फिर चुप रह के यह जाहिर करेंगे कि जो पीछे 78 सालों से चला आया है आगे भी जारी रहेगा.

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