उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के छिबरामऊ क्षेत्र में संक्रामक बीमारियों से मौत की घटनाएं तेजी से बढ़ गई हैं. बीते दिनों संक्रामक बीमारी से ग्रसित 12 साल के नाती के लिए एक दादी ने अपनी जमीन तक को गिरवी रख दिया था. लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद नाती को दादी बचा नहीं पाई. जिले में बारिश के बाद गंदगी से संक्रामक बीमारियों ने ग्रामीण वासियों को घेर लिया है. उल्टी, दस्त, खांसी, बुखार और जुकाम जैसी तमाम बीमारियों से हर घर में लगभग एक व्यक्ति बीमार है. ऐसे में सिकंदरपुर क्षेत्र और ढंगरा गांव में कई बच्चों की मौतों से पूरे इलाके में हड़कंप मचा हुआ है.
पूरा मामला छिबरामऊ क्षेत्र के ढंगरा गांव और सिकंदरपुर क्षेत्र का है. यहां पर बीते कुछ दिनों में डायरिया का प्रकोप चल रहा है. कुछ दिनों पूर्व सिकंदरपुर निवासी रामदेवी का नाती आर्यन (12) उल्टी-दस्त के चलते बीमार हो गया था. कई डॉक्टरों को दिखाया गया, लेकिन वह सही नहीं हो रहा था, जिस कारण उसको इलाज के लिए कानपुर से लेकर फर्रुखाबाद तक जाना पड़ा.
नाती को बचाने के लिए खेत तक गिरवी रखा
पैसों की तंगी के चलते दादी रामदेवी ने अपना खेत गिरवी रख दिया था. घर के अन्य सदस्य भी बीमार थे, लेकिन आर्यन की हालत ज्यादा खराब थी. आर्यन के इलाज में काफी पैसा खर्च हो रहा था. इसी बीच आर्यन की मौत भी हो गई. खेत तक गिरवी रख देने के बावजूद दादी उसकी जान नहीं बचा पाई.
पत्नी-बेटियों के इलाज के लिए गिरवी रखे गहने
वहीं ऐसा ही एक मामला छिबरामऊ क्षेत्र के ढंगरा गांव में सामने आया. यहां पर नरेंद्र सिंह ने बताया कि उल्टी, दस्त से उसकी पत्नी उर्मिला (30), बेटी नीतू (12), बेटी बॉबी (5) और बेटी निधि (7) बीमार हो गई थीं. पत्नी और बच्चों के इलाज के लिए पैसे नहीं थे, जिस कारण भैंस बेचनी पड़ गई. इतने पैसों में भी इलाज नहीं हो पाया. उसने पत्नी के सभी गहने एक ज्वेलर्स की दुकान पर गिरवी रख दिए हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों में फैली संक्रामक बीमारी
वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार गंदगी के प्रकोप से कई गांवों में संक्रामक बीमारियों ने घेर लिया है. लगभग हर एक घर में कोई न कोई व्यक्ति बीमार है. ऐसे में लगातार बीमारियों से मौतें भी सामने आ रही हैं. बीते कुछ दिनों में करीब छह मौतें सामने आ चुकी हैं. वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ स्वास्थ्य महकमा भी गांव-गांव में टीम भेजकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच करा रहा है और उनको दवाई वितरित कर रहा है.
क्या बोले कन्नौज CMO?
कन्नौज CMO डॉक्टर विनोद कुमार ने बताया कि संबंधित क्षेत्र में लगातार स्वास्थ्य विभाग की टीम जाकर कैंप लग रही है. ग्रामीणों से घर-घर जाकर भी बात की जा रही है. जिन गांव में मरीजों की संख्या ज्यादा है, वहां पर जांच सहित दावों की समुचित व्यवस्था की गई है. सभी को निशुल्क दवाएं दी जा रही हैं.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.