भारतीय रेलवे को देश की लाइफ लाइन कहा जाता है. करीब 2 करोड़ 40 लाख लोग रोजाना भारतीय रेलवे की ट्रेनों से सफर करते हैं. भारतीय रेलवे न सिर्फ यात्रियों और सामानों का परिवहन करता है, बल्कि पूरे देश को भी एक सूत्र में जोड़ता है. भारतीय रेलवे का नेटवर्क दुनिया का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है. हालांकि ट्रेन में सीटों को लेकर आज भी समस्या बनी हुई है. यात्रियों को कंफर्म टिकट न मिलने पर वेटिंग टिकट लेना पड़ता है, लेकिन वेटिंग टिकट लेकर यात्रा करने वालों के लिए अब बुरी खबर है. अब वह वेटिंग टिकट पर ट्रेन में सफर नहीं कर सकेंगे.
बीते कुछ दिनों से एक पोस्ट सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही थी, जिसमें कहा जा रहा जा था कि अब कोई यात्री रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर से वेटिंग टिकट लेकर स्लीपर या एसी कोचों में यात्रा नहीं कर सकता है. इस पोस्ट के वायरल होने के बाद लोग सकते में आ गए. अभी तक जिन लोगों को कंफर्म टिकट नहीं मिल पाता था. वो टिकट काउंटर से वेटिंग टिकट ले लेते थे और स्लीपर या एसी कोचों में घुसकर अपनी यात्रा पूरी करते थे.
आरक्षित डिब्बों बढ़ जाती है भीड़
इस दौरान कई बार ऐसे वीडियो और फोटो सामने आए, जिसमें देखा गया कि वेटिंग टिकट वालों ने कंफर्म टिकट वालों की सीट पर ही कब्जा कर लिया. इसको लेकर यात्रियों में मारपीट तक हो गई. कंफर्म टिकट वाले यात्रियों ने ट्वीट कर रेलवे से इसकी शिकायत भी की, जिसके बाद ये मांग उठने लगी कि वेटिंग टिकट वाले यात्रियों की स्लीपर और एसी के कोचों में एंट्री न दी जाए. इनकी वजह से ट्रेन के आरक्षित डिब्बों में भीड़ बढ़ जाती है और कंफर्म टिकट वाले यात्रियों की काफी परेशानी होती है.
रेलवे ने 2010 में जारी किया था सर्कुलर
हालांकि, आपको जानकर ये हैरानी होगी कि रेलवे की तरफ से पहले ही ये नियम बना दिया गया था कि कोई भी यात्री वेटिंग टिकट लेकर यात्रा नहीं कर सकता है. रेलवे की तरफ से जारी 2010 के सर्कुलर के अनुसार, स्लीपर और एसी कोच में केवल कंफर्म और RAC सीट वाले व्यक्ति ही यात्रा कर सकते हैं. वेटिंग टिकट लेकर कोई भी यात्री यात्रा नहीं कर सकता है, लेकिन ये नियम प्रभावी रूप से लागू नहीं किया गया था. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण लोगों का रेलवे के काउंटर से वेटिंग टिकट लेना रहा.
वेटिंग टिकट पर नहीं कर सकेंगे सफर
अगर कोई यात्री जब रेलवे के काउंटर से टिकट लेने जाता था और उसे कंफर्म टिकट नहीं मिल पाती थी तो वह वेटिंग टिकट ले लेता था. इसी वेटिंग टिकट को TTE को दिखाकर वह अपनी यात्रा कर लेता था, लेकिन अब रेलवे की तरफ 14 साल पुराना अपना सर्कुलर लागू कर दिया गया है. रेलवे के सर्कुलर के अनुसार, वेटिंग टिकट कंफर्म न होने पर यात्री ट्रेन में सफर नहीं कर सकते हैं. उनको स्लीपर और एसी कोच में एंट्री नहीं मिलेगी. अगर पर इन दोनों कोचों में मिले तो TTE या तो उन्हें ट्रेन से उतार सकता है या फिर जनरल डिब्बे में भेज सकता है. वहीं ई-टिकट के केस में ऑटमेटिकली टिकट कैंसिल हो जाता है और यात्री के अकाउंट में पैसा चला जाता है.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.