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क्या धारावी की जमीन के मालिक बन जाएंगे अडानी, जानिए असल कहानी?

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क्या गौतम अडानी धारावी की जमीन के मालिक बनने वाले हैं? जी हां, अब इस तरह के आरोप लगने शुरू हो गए हैं. सांसद वर्षा गायकवाड़ ने खुद आरोप लगाया है कि धारावी की जमीन हड़पने की साजिश रची जा रही है. जोकि गौतम अडानी को दी जाएगी. इस मामले में सरकारी सूत्रों ने परिस्थितियों को पूरा स्पष्ट किया है. साथ ही इस आरोप की असल कहानी क्या है या सच्चाई क्या इस पर रोशनी डालने की कोशिश है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर पूरा मामला है क्या?

अडानी सिर्फ डेवलपर और कुछ नहीं

करोड़ों रुपये की धारावी झुग्गी-बस्ती पुनर्विकास परियोजना में अडानी ग्रुप को लैंड ट्रांसफर शामिल नहीं है. सूत्रों ने इस बारे में स्थिति साफ करते हुए कहा है कि प्रोजेक्ट में भूलैंड ट्रांसफर महाराष्ट्र सरकार के विभागों को किया जाना है और अडानी ग्रुप सिर्फ प्रोजेक्ट डेवलपर के रूप में मकान बनाएगा जो उन्हीं विभागों को सौंपे जाएंगे. बाद में इन घरों का आवंटन एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी के निवासियों को किया जाएगा. सांसद वर्षा गायकवाड़ ने इस मामले में भूमि हड़पने का आरोप लगाया है. इन आरोपों पर प्रोजेक्ट से जुड़े सूत्रों ने कहा कि जमीन के टुकड़े सिर्फ राज्य सरकार के आवास विभाग के धारावी पुनर्विकास परियोजना/स्लम पुनर्वास प्राधिकरण (डीआरपी/एसआरए) को ट्रांसफर किए जाने हैं.

क्या—क्या बनाएगा अडानी

अडानी ग्रुप ने खुली इंटरनेशनल बिड में धारावी स्लम पुनर्विकास परियोजना हासिल की थी. ग्रुप अपनी ज्वाइंट वेंचर कंपनी धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट प्राइवेट लि. (डीआरपीपीएल) के माध्यम से आवास और कमर्शियल प्लेस बनाएगा और उन्हें फिर से डीआरपी/एसआरए को सौंप देगा. परियोजना पर गलतफहमियों को दूर करने की कोशिश करते हुए सूत्रों ने कहा कि टेंडर के अनुसार, लैंड सरकार द्वारा तय दरों पर डीआरपी/एसआरए को आवंटित की जाएगी.

इस मामले में जहां डीआरपीपीएल को डेवलपमेंट अधिकार मिला हैं, राज्य समर्थन समझौता, टेंडर दस्तावेज का हिस्सा है. यह स्पष्ट रूप से कहता है कि राज्य सरकार अपने स्वयं के डीआरपी/एसआरए विभाग को भूमि देकर परियोजना का समर्थन करेगी. रेलवे लैंड के आवंटन के मुद्दे पर, जहां धारावी के निवासियों के पहले सेट की पुनर्वास यूनिट्स बनाई जानी हैं, सूत्रों ने कहा कि इसे टेंडर से पहले ही डीआरपी को आवंटित किया गया था, जिसके लिए डीआरपीपीएल ने प्रचलित दरों पर 170 प्रतिशत के भारी प्रीमियम का भुगतान किया है.

नहीं निकाला जाएगा बाहर

आरोप तो ये भी हैं कि धारावी के लोगों को वहां से बाहर निकाल दिया जाएगा और बेघर कर दिया जाएगा. इसे पूरी तरह से कोरी कल्पना और जनता के बीच चिंता पैदा करने के लिए एक कल्पना करार देते हुए सूत्रों ने कहा कि सरकार के 2022 के आदेश में यह शर्त रखी गई है कि धारावी के प्रत्येक निवासी (पात्र या अपात्र) को एक घर दिया जाएगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि डीआरपी/एसआरए योजना के तहत किसी भी धारावीवासी को विस्थापित नहीं किया जाएगा.

एक जनवरी, 2000 को या उससे पहले मौजूद मकानों के धारक यथास्थान पुनर्वास के पात्र होंगे. एक जनवरी, 2000 से एक जनवरी, 2011 के बीच मौजूद लोगों को धारावी के बाहर मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में कहीं भी पीएमएवाई के तहत सिर्फ 2.5 लाख रुपए में या किराए के माध्यम से घर आवंटित किए जाएंगे.

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