जबलपुर। स्टेट बार ने फर्जी वकीलों की रोकथाम के लिए कार्रवाई की तैयारी कर ली है। इसके तहत वकीलों की सनद के नवीनीकरण व सत्यापन संबंधी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। नई नीति के अनुसार अधिवक्ताओं की विधि की डिग्री के साथ ही स्नातक डिग्री का भी सत्यापन किया जाएगा। जिनकी भी डिग्री फर्जी पाई जाएगी उनके विरुद्ध एफआइआर कराकर जेल भेजा जाएगा। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के के निर्देश पर बीसीआइ द्वारा देशभर की सभी स्टेट बार को भेजे गए पत्र के आधार पर की जा रही है।
बीसीआइ के दिशा-निर्देशों के परिपालन में शीघ्र ही सत्यापन होगा
उक्त जानकारी स्टेट बार के वाइस चेयरमैन आरके सिंह सैनी, को-चेयरमेन राधेलाल गुप्ता व सदस्य जगन्नाथ त्रिपाठी ने दी। उन्हाेंने बताया कि इस संबंध में बैठक में प्रस्ताव पारित हो चुका है। लिहाजा, बीसीआइ के दिशा-निर्देशों के परिपालन में शीघ्र ही वकीलों की सनद के नवीनीकरण की प्रक्रिया में विधि व स्नातक की डिग्री का सत्यापन होगा। इस दौरान जिनकी भी डिग्री फर्जी पाई जाएगी उन अधिवक्ताओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पूर्व में दो की मार्कशीट पाई गई थी फर्जी
सैनी ने बताया कि विगत पांच माह पूर्व अधिवक्ताओं की ला डिग्री के वैरीफिकेशन के दौरान दो अधिवक्ताओं की मार्कशीट फर्जी पाई गई थी। जिनके विरुद्ध सिविल लाईन थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई थी। उक्त मामले में अभिषेक राय नामक व्यक्ति गिरफ्तार हुआ था, जो कि विगत पांच माह से जेल में निरुद्व है। वहीं दूसरे फर्जी अधिवक्ता के विरुद्ध भी पुलिस द्वारा कार्यवाही की जा रहीं है। किसी भी व्यक्ति ने अधिवक्ता नामांकन के समय कुछ भी साक्ष्य छुपाया तो उस व्यक्ति का नामांकन नहीं किया जाएगा। उसके विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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