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नशे में धुत रेल अधिकारी की लापरवाही से टकराई थी आस्था स्पेशल ट्रेन से ट्राली

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जबलपुर। जबलपुर से इटारसी होकर अयोध्या जा रही आस्था स्पेशल ट्रेन से ट्राली टकराने के मामले की जांच में जबलपुर मंडल के रेल इंजीनियर को दोषी पाया है। मंडल के रेल इंजीनियरिंग विभाग के मेमो पर रेल अधिकारी के खिलाफ जबलपुर आरपीएफ में मामला दर्ज कर लिया है। इधर घटना के दौरान दो रेल इंजीनियर और एक ट्रालीमेन की भी लापरवाही सामने आई थी, लेकिन अभी तक तीनों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया गया है।

लगभग एक हजार यात्रियों को लेकर अयोध्या जा रही थी अयोध्या

दरअसल एक माह पूर्व जबलपुर आस्था स्पेशल ट्रेन लगभग एक हजार यात्रियों को लेकर अयोध्या जा रही थी, तभी उसी ट्रैक पर विक्रमपुर की ओर से ट्राली इंजन से आकर टकरा गई, जिससे उसके पर्खे उड़ गए, हालांकि इससे पहले ही ट्राली में सवार सीनियर सेक्शन इंजीनियर सीताराम गोटिया और ट्रालीमेन उतर गए। दोनों ही नशे में धुत थे और उन्होंने ब्लाक लिए बिना ही ट्रेन के ट्रैक पर ट्राली चला दी। ट्रेन के इंजन ड्राइवर की सर्तकता से ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुई। इस मामले में जबलपुर साउथ के दो और अधिकारी की लापरवाही भी सामने आई, लेकिन उन्हें अब तक जांच के दायरे से बाहर रखा गया है।

नशे में धुत थे तीन एसएसई

घटना की गंभीरता को देखते हुए पश्चिम मध्य रेलवे जोन की महाप्रबंधक शोभना बंदोउपाध्याय ने मामले की जांच करने के निर्देश दिए, जिसके बाद जोन स्तर के अधिकारियों ने घटना की जांच की। इस दौरान 200 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारियों से पूछताछ हुई। सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में सामने आया कि घटना से पहले विक्रमपुर और श्रीधाम के बीच तीन सीनियर सेक्शन इंजीनियर द्वारा रेल पैनल रैक उतरवाने का काम किया जा रहा था। इसके बाद तीनों ने जमकर पार्टी की, जिसमें अन्य कर्मचारी भी शामिल हुए। नशे में जुटे सेक्शन इंजीनियर सीताराम गोंटिया ट्राली पर सवार होकर श्रीधाम की ओर रवाना होगा गया, शेष दो एसएसई पुडरिकचंद और दीपक राय भी जबलपुर आने लगे। इस दौरानों इन दोनों को ब्लाक लेकर ट्राली रवाना करनी थी, लेकिन नशे में धुत होने की वजह से इन्होंने ब्लाक ही नहीं लिया। इधर ट्राली पर चार मजदूर और एक ट्रालीमेन को लेकर सीतराम गाेंटिया ट्राली लेकर चल दिया और ट्राली आस्था स्पेशल ट्रेन से टकरा गई।

जांच में बचाने में जुटे अधिकारी

इस घटना की गुंज रेलवे बोर्ड तक पहुंची, जिसके बाद जोन के अधिकारियों ने इसकी गंभीरता से जांच की। जांच रिपोर्ट में घटना का दोषी पाए जाने के बाद जबलपुर रेल मंडल ने पहली बार अपने ही रेल इंजीनियर के खिलाफ आरपीएफ जबलपुर को मेमो देकर मामला दर्ज कराया। इधर जबलपुर आरपीएफ ने एसएसई के खिलाफ रेलवे एक्ट की धारा 175 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। जिसमें रेल कर्मचारी की लापरवाही से रेल दुर्घटना होने का दोषी पाए जाने का मामला बना। इस पर दो साल की साल होने का प्रवि‍धान है। इधर हालांकि इस जांच में रेल अधिकारियों ने जबलपुर साउथ के कई रेल अधिकारी और कर्मचारियों को बचाने का प्रयास किया है। अभी भी दो अधिकारियों को जांच से दूर रखा गया है, जबकि साउथ में यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी यहां तीन से चार बड़ी रेल दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।

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