फाल्गुन माह की शुरुआत होते ही ब्रज की गलियों में होली की धूम शुरू हो जाती है। वैसे तो होली का पर्व 25 मार्च को मनाया जाएगा लेकिन लड्डू होली के साथ ब्रज में होली की शुरुआत हो चुकी है। पहले लड्डू होली फिर लठ्मार होली और उसके बाद अब वृन्दावन के बांके बिहारी मंदिर में फूलों वाली होली खेली गई। बांके बिहारी ने फूलों के द्वारा भक्तों पर अपनी कृपा बरसाई।
श्री बांके बिहारी मंदिर के सेवाधिकारी राजू गोस्वामी जी ने बताया कि इस दौरान मंदिर में काफी भीड़ देखने को मिली। फूलों की होली शुरू होने से पहले से भक्त मंदिर में जमा होने शुरू हो गए। इसके थोड़ी देर बाद ही पूरा भवन फूलों से भर गया। इस दौरान चारों तरफ से भक्तों के ऊपर फूलों की बरसात होने लगती है। फूलों से भरे भवन के साथ सारा वातावरण काफी खुशनुमा और सकारात्मक हो जाता है। इस मनमोहक पल को हमेशा याद रखने के लिए लोगों ने इसे अपने फ़ोन के कैमरों में कैद कर लिया। देश- विदेश से भक्त फूलों वाली होली को खेलने के लिए आते हैं। फूलों वाली होली एक शांत और सुरम्य अनुभव प्रदान करती है जो सुंदरता के साथ-साथ हमे प्रकृति से जुड़े रहने का सन्देश देती है।
हालांकि होली का मजा तो रंगों के साथ आता है लेकिन फूलों वाली होली की तो बात ही निराली है। फूलों की होली शांति और सद्भाव का प्रतीक हैं। बात करें वृन्दावन की तो यहां की होली बड़ी संख्या में भक्तों को आकर्षित करती है।
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