निठारी हत्याकांड: आरोपी सुरेंद्र कोली और मनिंदर पंढेर की फांसी की सजा हुई रद्द, घटना को सुनकर कांप जाएगी रूह
निठारी हत्याकांड: नोएडा के चर्चित निठारी हत्याकांड के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर की फांसी की सजा को रद्द कर दी है। निचली अदालत ने फांसी की सजा दी थी। हाईकोर्ट ने दोनों आरोपियों को इन मामलों में बरी कर दिया है। सुरेंद्र कोली ने 12 मामलों में मिली फांसी की सजा के खिलाफ अपील दाखिल की थी, जबकि मनिंदर सिंह पंढेर ने दो मामलों में मिली सजा के खिलाफ अर्जी दाखिल की थी।
सबूत और गवाह दोनों का अभाव
आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने सीधे तौर पर कोई सबूत और गवाह नहीं होने के आधार पर दोषियों को बरी किया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से सीबीआई को बड़ा झटका लगा। हालांकि रिंपा हलदर मर्डर केस में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने ही सुरेंद्र कोहली की फांसी की सजा को बरकरार रखा था। इन्हीं सबूतों के आधार पर रिंपा हलदर मर्डर केस में दोनों को फांसी की सजा मिली थी। अर्जियों पर हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने 15 सितंबर को अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था। जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस एस एच ए रिजवी की डिवीजन बेंच ने फैसला सुनाया। साल 2006 में निठारी कांड का खुलासा हुआ था।
जानिए क्या है निठारी हत्याकांड?
साल 2005 से 2006 के बिच नोएडा के निठारी से एक ऐसा कांड हुआ जो पूरे देश को हिला कर रख दिया था। दरसल, दिसंबर 2006 में निठारी स्थित मनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पास नाले से नर कंकाल मिले थे। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, तो पता चला कि मनिंदर सिंह ने अपने नौकर सुरेंद्र कोली के साथ मिलकर कई बच्चों का अपहरण किया। उनके साथ दुष्कर्म किया गया और हत्या कर शव नाले में फेंक दिए गए।
जैसे-जैसे केस की परतें खुलती गईं, वैसे-वैसे हैरान करने वाली कहानियां सामने आईं। खबरें ये भी सामने आयी थी पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपने अपराध बताए, तो सुनने वाले पुलिसकर्मी उल्टियां करने लगे थे हालाँकि दोषी सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर की अपील पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर सजा मुक्त कर दिया है।
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