काठमांडू। भारत में तीन तलाक की मान्यता रद्द होने के बाद अब पड़ोसी देश नेपाल ने भी सख्त कदम उठाया है। नेपाल सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सम्बन्ध विच्छेद के लिए मुसलमानों को विशेषाधिकार नहीं है। बता दें कि इससे पहले भारत में भी तीन तलाक को खत्म कर दिया गया है। नेपाल सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय में तीन तलाक की प्रथा को मान्यता नहीं दी जा सकती है।
अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि नेपाल के मौजूदा कानूनों के अनुसार तलाक के अलावा अन्य प्रथागत और किसी सम्प्रदाय विशेष की व्यवस्थाओं को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। अदालत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस्लामिक शरिया कानून के आधार पर दिया गया तलाक महिलाओं के साथ अन्याय है।
भारतीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की हुई बात
भारत के सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा तीन तलाक को लेकर दिए गए फैसले का जिक्र करते हुए नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भारत की उच्चतम न्यायालय ने भी तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित कर दिया है। उस फैसले के आधार पर नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने भी ‘तलाक-ए-विद्दत’ के मुद्दे को एक आपराधिक कृत्य माना है और इसे अवैध घोषित कर दिया है।
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