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प्रदेश भर में पटवारियों की अनिश्चित कालीन हड़ताल, दस्तावेजों के लिए भटक रहे भूस्वामी

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भोपाल। जिले के 200 पटवारियों के सोमवार से कलमबंद हड़ताल पर चले जाने का असर अब सभी तहसीलों में दिखाई देने लगा है। यहां पर अब राजस्व संबंधी सभी तरह का काम बाबुओं के हवाले हो गए हैं। इसी वजह से भूस्वामियों को दस्तावेजों के लिए भटकना ही पड़ रहा है। दरअसल पटवारियों के हड़ताल पर चले जाने से भूमि संबंधी सभी तरह के काम पर अंकुश लग गया है। ऐसे में रिपोर्ट, दस्तावेज, नकल आदि मिलना भी मुश्किल हो गया है। इतना ही नहीं लोगों की पेशियां तक नहीं हो पा रही हैं। इस वजह से जिले की आठ तहसीलों में लगभग 500 राजस्व सहित अन्य प्रकरण अटक गए हैं। ऐसे में यहां पदस्थ एसडीएम, तहसीलदार,नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षकों पर काम का बोझ बढ़ने लगा है। बता दें कि मध्यप्रदेश पटवारी संघ के नेतृत्व में पटवारियों ने अपनी मांगों को लेकर 21 अगस्त से आंदोलन शुरू किया है।

हुजूर तहसील के बाहर किया प्रदर्शन

पटवारियों ने अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को हुजूर तहसील के बाहर प्रदर्शन किया। तहसील में सुबह 11 बजे से आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों और शहर से लोगों का आना शुरू हो गया था। वह यहां अपने काम के लिए तहसील तो पहुंचे, लेकिन उनको न तो दस्तावेज मिले और बाबुओं ने पेशी व काम की आगे की तारीख देकर वापस लौटा दिया।पटवारियों के हड़ताल पर जाने से जिले की 8 तहसील हुजूर, बैरसिया, बैरागढ़, शहर, टीटीनगर, गोविंदपुरा, कोलार और एमपीनगर में लोग नामांतरण, सीमांकन, खसरा-खतौनी, नक्सा, रजिस्ट्री,बंटवारा,फसल गिरदावरी, पीएम-सीएम पेमेंट सहित खेती- किसानी से जुड़े अन्य काम पूरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं।

लोकसेवा केंद्र में लंबित हो रहे आवेदन, लग रही भीड़

पटवारियों के हड़ताल पर चले जाने से लोकसेवा केंद्र के कामों पर भी प्रभाव पड़ रहा है। शहर के कोलार, टीटीनगर, कलेक्ट्रेट कार्यालय सहित कुल चार केंद्रों पर लोग बड़ी संख्या में आवेदन करने पहुंच रहे हैं। यहां पर पहले से ही आवेदन अटके रहते हैं और अब जिनको समय पर मिलना था उन्हें भी नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में वह केंद्र के बाद अब तहसलों में भटक रहे हैं। बता दें कि लोकसेवा केंद्रों में लोग जाति, मूलनिवासी, ईडब्ल्यूएस, आय सहित अन्य सुविधाओं के लिए हर दिन लगभग 500 आवेदन जमा करते हैं।

चार से तहसीलदार भी अवकाश पर, चुनावी कार्य होगा प्रभावित

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मतदाता सूची शुद्धीकरण सहित अन्य काम जिले में किए जा रहे हैं। इनकी जिम्मेदारी तहसीलदार और नयाब तहसीलदार को सौंपी गई है। जबकि पटवारियों को सुपरवाइजर का दायित्व सौंपा था, जिन्हें मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन कराना था। अभी पटवारी हड़ताल पर हैं जिससे चुनावी काम पर असर दिख रहा है। वहीं चार सितंबर से छह सितंबर पर तहसीलदार, नयाब तहसीलदार भी तीन दिवसीय शासकीय अवकाश पर चले जाएंगे। ऐसे में चुनावी काम पूरी तरह से प्रभावित होगा।

यह किसान हुए परेशान

  • कोच फैक्ट्र्री के चौकीदार करारिया निवासी धनीराम पिता रामरत्न ने बताया कि वह चार महीने से वेतन के लिए परेशान हो रहे हैं। वह पूर्व में कई बार हुजूर तहसील कार्यालय आए थे, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला है।
  • कोलूखेड़ी निवासी किसान कमल सिंह ने बताया कि वह अपनी भूमि सुधार के काम से पिछले एक सप्ताह से तहसील के चक्कर लगा रहे हैं। अब पटवारी के हड़ताल पर जाने से मिलना मुश्किल हो गया है।
  • पुरामनभावन निवासी किसान महेश ने बताया कि उन्होंने सीमांकन की रिपोर्ट के लिए आवेदन किया था, लेकिन अब तक नहीं मिली है। वह मंगलवार को पहुंचे तो उनको बाद में आने का कहकर लौटा दिया है।

हमारी मांगों को शासन द्वारा अनसुना किया जा रहा है। इसी के चलते सोमवार से कलमबंद हड़ताल की जा रही है। मंगलवार को भी हुजूर तहसील में धरना प्रदर्शन किया गया।

संदीप शर्मा, जिलाध्यक्ष, मध्यप्रदेश पटवारी संघ

पटवारियों के हड़ताल पर चले जाने से किसी तरह का राजस्व संबंधी काम प्रभावित न हो। इसके लिए सभी सर्कल के एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

आशीष सिंह, कलेक्टर

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